Sudhir Awasthi -
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अपने आप को सर्वश्रेष्ठ न्यूज ऐप के रूप में बताकर मियां मिट्ठू बन कर झूठी वाहवाही लूटने की आदतों में सुमार हो चुके public न्यूज ऐप ने पिछले काफी लंबे अर्से से अपने रिपोर्टर को महज रिपोर्टर नहीं बल्कि विज्ञापन का दलाल बनाने पर जुटा हुआ है।
पहले हर खबर पर हज़ारों लाखों व्यूज का दावा करने वाले ऐप पर हर खबर में व्यूज दिखते थे। लेकिन इसके बाद कंपनी ने अपने रिपोर्टर के साथ फ्रॉड करते हुए उन्हें जबरन विज्ञापन में धकेलने के साथ पत्रकार कम दलाल ज्यादा बनाने का काम शुरू किया। ईमानदार पत्रकार बंधुओं को ऐप के एसाइनमेंट ने धीरे धीरे टारगेट कर निकालना शुरू कर दिया।वहीं कुछ विशेष चर्चित पत्रकारों को नई भर्ती में जगह देकर ईमानदार पत्रकारिता को कई जनपदों से समाप्त कर दिया।यह क्रम काफी तेजी से मुरादाबाद से होकर हरदोई पहुंचा जहां भी विज्ञापन की आड़ में कई पुराने व ईमानदार पत्रकार ऐप से बाहर हुए।
कारण वही कोटेदार, प्राइवेट स्कूलों, झोलाछाप डॉक्टरों,ग्राम प्रधान, नगर पंचायत नगर पालिकाओं के प्रतिनिधियों से हर माह अवैध वसूली करने का दबाव जो खबरों के हिसाब से टारगेट तय किया जाता है।एक खबर पर यह भ्रटाचार को जन्म दिलाने वाली कम्पनी अपने रिपोर्टर को 20 रु से लेकर 35 रू तक देती है।जबकि हर खबर पर उसे हर माह तीन हज़ार रुपये का विज्ञापन रिपोर्टर दे।अब आप सोचिए क्या कोई ईमानदार रिपोर्टर 4 खबर 12 हज़ार रुपये का विज्ञापन हर माह कर सकता है।वह भी एक तहसील मुख्यालय के कस्बे से जबकि देश के प्रतिस्ठित अखबार व न्यूज चैनल पर भी हर माह विज्ञापन का इतना दबाव नहीं।
कुछ उक्त मामले पर public ऐप की एसाइनमेंट टीम में शामिल कुमारी अलका द्वारा यूपी के मुरादाबाद की टीम से एक रिपोर्टर को हटा दिया जिसकी खबर भड़ास पर छपी तो उसका लिंक जनपद हरदोई के public mt ग्रुप (मार्कटिंग ग्रुप) में जिसमें कुमारी अलका सहित कुछ अन्य लोग भी एडमिन हैं जिन्होंने बौखलाहट में आकर ईमानदार पत्रकार को भी बगैर पूर्व सूचना के निकाल दिया।
स्क्रीन शॉट
ग्रुप में मौजूद तब भेजा भड़ास का लिंक
स्क्रीन शॉट
भड़ास का लिंक देख मुझे बौखलाहट में बाहर किया
लेकिन मैं रुकूँगा नहीं इनकी सभी कारगुजारियों को लेकर खुलासा भड़ास पर जारी रहेगा
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