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16.9.23

देश के नंबर वन अखबार में अगडे पिछड़े की राजनीति में अखबार का बेड़ा गर्क, लगातार गिरावट रहा प्रसार

देश के नंबर वन अखबार के धनबाद कार्यालय से मिल रही जानकारी के मुताबिक संताल के साहिबगंज, पाकुड, गोड्डा, देवघर जैसे संस्करण को भागलपुर मे पारमार्जित किए गए हैं। ये सभी संस्करण अब यहां संपादित और प्रकाशित किए जाएंगे। इधर धनबाट से अजय पांडे, दिलिप दास(कायस्थ), वीरेंद्र पांडेय, विनय सिंह, शैलेन्द्र मिश्रा सहित कई लोगों का स्थानांतरण भागलपुर किया गया है।

अगडी और पिछड़ों की राजनीति का अखाड़ बन चुके धनबाद यूनिट से अबतक कई लोगों अपनी नौकरी छोड़ दी है। इनमें शरत पांडे, आशुतोष पांडे, संदीप नारायण मिश्रा,  मृत्युंजय पांडे( जबरन अन्य स्थानांतरण)  सहित कई शामिल हैं। जबकि इनके जगह आनेवाले कई नाम ऐसे हैं पिछड़ा पत्रकारिता का मुगलफत कर आएं है। हाल के दिनों जातीय राजनीतिक कई वजह से धनबाद यूनिट का प्रसार काफी गिरते जा रहा है जबकि प्रभारी यहां के हर रात अपने मित्र अपराध संवाददाता से मिलकर होटलों में खाने पीने पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। स्थानांतरण के नाम पर विचारों से मेल नहीं खानेवाले को धमकाया जा रहा है। अधिक वेतन पाने वाले मुर्ख और षठ किस्म के लोगों का समूह तैयार कर अलग लाबी बना रहे हैं। यही नहीं स्थानांतरण से पूर्व अपने कुछ कमजोर लोगों को बचाने के लिए माडल में स्थानांतरण कर सुरक्षित भी किया है। इनपर कई गंभीर आरोप भी है।

उनके इस काम में दूसरे यूनिटों से आए कर्मियों का खूब सहयोग मिल रहा है। एक पुराने घाघ को भी लोकल में इस लिए लगाया गया है क्योंकि उसके कम दिन नौकरी के बचे हैं और वो हर तरह का करतब में माहिर है। हाल के दिनो शहर के कई जनप्रतिनिधि विष वमन भी कर चुका है। सबसे मजेदार बात जो भागलपुर में रहकर दूसरे अखबार से आया है या फिर जो उन इलाकों का रहनेवाला है। उनका स्थानांतरण भागलपुर नहीं किया गया बल्कि वेतन वालों को वहां भेजा गया ताकि लोग हैं नौकरी छोड़ दें तथा इसका श्रेय महाशय को मिल जाए। जानकारी के मुताबिक टाप प्रबंधन को एक गोपनीय सूची भेजी गई है। जिसमें महाशय का कच्चा चिट्ठा शामिल हैैं तथा उनके नकारे मित्र का नाम और अखबार के अलावा काम का जिक्र है।

एक पत्रकार की व्यथा।

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