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16.9.23

पटना में युवा पत्रकारों का बनाया हुआ झोपड़ी का कार्यालय पटना नगर गिगम ने हटवाया...

Abhishek Kumar Singh
64singh@gmail.com    

बशीर बद्र की एक पंक्ति है...लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में तुम तरस नहीं खाते बस्तियाँ जलाने में..आपलोग भी सोच रहे होंगे मुझे बशीर बद्र साहब की याद क्यों आ गई.. दरअसल आज हमारे सभी भाइयों की मेहनत से बनाई हुई झोपड़ी उजड़ गई...पटना के वीरचंद पटेल मार्ग स्थित राजद कार्यालय के पास  युवा पत्रकारों ने कोरोना काल में  बैठने के लिए 10 बाई 10 की एक झोपड़ी बनाई थी...


सभी युवा साथी महीने में कुछ निर्धारित राशि भी इकट्ठा करते थे जिससे खबर भेजने के लिए उन्होंने ब्रॉडबैंड लगाया था..साथ ही पीने का पानी भी उसी पैसे से आता था..इस झोपड़ी से सभी साथियों को काफी सुविधा थी क्योंकि वीरचंद पटेल मार्ग ख़बरों की जगह है..तमाम बड़ी राजनीतिक पार्टियों की कार्यालय इसी रोड में है..साथ ही पटना के बीचोंबीच होने के कारण इस जगह से पटना के सभी इलाकों की दूरियां कम हो जाती है..इस झोपड़ी के रहने से पत्रकार साथी हमेशा एक्टिव रहते थे कोई ख़बर हो तुरंत अपडेट हो जाते थे..तपती गर्मी, बारिश, ठंड सभी मौसमों में इस झोपड़ी ने पत्रकार साथियों को काफ़ी साथ दिया..युवा पत्रकारों ने अपनी कम सैलरी में भी पैसा जोड़-जोड़ कर इसका निर्माण किया था...

आज नगर निगम के फरमान के बाद इस झोपड़ी को हटाना पड़ा...सभी को बहुत ही दुःख के साथ अपने हाथों से इस झोपड़ी को उजाड़ना पड़ा..उसी हाथों से जिससे इसका निर्माण किया गया..झोपड़ी उजाड़ते वक्त सभी के हाथ कांप रहे थे.आँखें भी नम थी..हो भी क्यों न..एक लगाव हो गया था इस झोपड़ी से...पटना नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार इस इलाके को स्मार्ट पटना के तहत ग्रीन ज़ोन में बदला जा रहा है..जिससे सड़को के दोनों किनारे पर ग्रिल लगा कर पौधों की रोपाई की जाएगी...हमलोगों ने अधिकारियों के आदेश का पालन करते हुए झोपड़ी को हटा लिया..क्योंकि हम लोग अनुशासन प्रिय पत्रकार हैं ।  लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि हमारी 10 बाई 10 की झोपड़ी सरकार को एनक्रोचमेंट लगी लेकिन पटना में तमाम ऐसे विधायक और मंत्री का आवास है जिसके बाहर चिकन मटन का दुकान है वो अधिकारियों को नहीं दिखता है..हमारे एक कोने में पड़े छोटी सी झोपड़ी से वीरचंद पटेल रोड की सुंदरता थोड़े न बिगड़ जाती..

पिछले दिनों राजद के एक मंत्री के बॉडीगार्ड के द्वारा आपसी मारपीट राजद कार्यालय के गेट पर हुई थी..हमारे झोपड़ी से ठीक 50 कदम की दूरी पर...पत्रकारों ने इस घटना को ख़बर के रूप में चलाया भी था...शायद इसका भी साइड इफ़ेक्ट हो सकता है कि आज हमलोगों के बैठने की जगह को ही वहाँ से हटाने का फरमान जारी कर दिया गया...खैर वो अलग बात है.. हम सभी युवा पत्रकार नगर विकास विभाग के मंत्री सह डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से आग्रह करते है कि हमें वीरचंद पटेल मार्ग में ही एक छोटी सी जगह उपलब्ध करवाए जहाँ फिर से अपनी झोपड़ी लगा सके..और लोगों को खबरों से अपडेट करवा सकें....



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