आज आखिर वहि हुआ जिसका जिक्र मैने अपनी पिछ्ली पोस्ट मे किया था.आज आखिर IPL ने देश के क्रिकेट, क्रिकेट के खिलाडिओ और उसे चाहने वालो को बाट ही दिया.
आज देश के लोगों ने क्रिकेट के मैदान पर जो देखा वो IPL कि सोच का परिणाम था, IPL का मकसद सिर्फ यही है कि अपने पृ्तिद्वव्न्दी ICL को नाकामयाब करने के लिये देश के लोगों कि भावनाओं को भड़काओ और उन्हें शहरों के नाम पर बांटो.
आज लोगों नें देखा कि कैसे राष्टीय टीम के दो वरीष्ठ खिलाड़ी हार और जीत के मसले पर मैदान पर ही आपस में उलझ गये और उसके बाद जो हुआ कम से कम क्रिकेट के मैदान पर ऐसा देखने को आज तक नहीं मिला था, ये वाकइ शर्मनाक था, और क्या इसके बाद आप उम्मीद कर्ते हैं कि स्टेडियम मैं बैठे दर्शक अपने शहर की टीम को लेकर आपस में नहीं उलझेंगे?
क्या अभी भी आपको लगता है कि IPL राज ठाकरे कि MNS से अलग है??
1 comment:
भाई आपको कब से लगने लगा की ये जेन्टलमैन गेम है,
चुतियों को सालों से देखते आए हैं,
मीडिया की कृपा दुआ की साले कभी हीरो तो कभी जीरो बने मगर जेन्टलमैन बन पाये ये तो मैं ने देखा ही नही,
सिद्धू ने घूँसा चलाया तो भी मीडिया की सरपरस्ती है , बेचारे हरभजन ने तो चाटा ही चलाया है,
बस खेल देखो और खेल का मजा लो,
बाकि की ख़बर अखबार में चिपका दो आख़िर लाला को भी तो कुछ देना है ना।
जय जय भडास.
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