अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
राकेश भाई,बस इतना ही कि "एक तो करेला ऊपर से नीम चढ़ा" यानि मनोरंजन की जो अफीम हमारे नेताओं ने देश को चटा रखी है उसमें तासीर बढ़ा कर नशा गहरा करने की साजिश है कि जनता अपनी मूलभूत समस्याएं भूल कर इसी तरह के चूतियापे में उलझी रहे....
जुयाल जी, तस्वीरों के जरिए ठीकठाक कहानी बयान कर दी है, अब कभी शब्दों के जरिए भी भड़ास निकालें....
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राकेश भाई,बस इतना ही कि "एक तो करेला ऊपर से नीम चढ़ा" यानि मनोरंजन की जो अफीम हमारे नेताओं ने देश को चटा रखी है उसमें तासीर बढ़ा कर नशा गहरा करने की साजिश है कि जनता अपनी मूलभूत समस्याएं भूल कर इसी तरह के चूतियापे में उलझी रहे....
जुयाल जी, तस्वीरों के जरिए ठीकठाक कहानी बयान कर दी है, अब कभी शब्दों के जरिए भी भड़ास निकालें....
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