आज एक मेल के जरिये मुझे सूचना मिली की सलाम बिजेन सिंह....yaani की मेरा बिजेन दिल्ली आ गया है..उसने deshbandu me peginator के पड़ पर join किया है...किसी को नही maloom होगा की ये है कौन ..kyunki न to ये pm है और न ही cm....ये है मेरा बिजेन ..saccha, imaandaar और samvedansheel...darasal बिजेन मेरे साथ सिटी भास्कर में paginator था....sahkarmi से kahin jyada मेरा भाई, प्रिया और न जाने क्या-क्या ....एक manipuri को dharapravaah हिन्दी बोलते और हिन्दी saahitya की behad ghambheer समझ रखते dekhkar मैं dang रह गया....क्या khoob kavitaayein लिखता था...(जल्द ही उसकी कवितायें bhadaas पर aayengi) ..इतना ही नही इतना imaandaar और pavitra की मुझे lagtha था की इस gandi duniya में मेरा बिजेन कैसे रहेगा......शायद isiliye मैं hamsha बिजेन को अपने khol में raktha था ताकि उसका कोमल और samvedansheel मन aahat न हो....और बिजेन बिना कुछ बोले इस कदर mujse प्रेम करता था की मैं कभी समझ ही नही paata ..हाँ hummey ankaha प्रेम jarur रहा...बिल्कुल भाइयों sa....हमने मिलकर buri चीजों से लड़ाई की और बुरे लोगों का साथ जब मैंने chodne का फ़ैसला किया to जानते हैं...जिस दिन मैंने भास्कर choda बिना कुछ aagey-peechey sochey बिजेन ने नौकरी छोड़ दी...खैर usney acchi और नई नौकरी अपनी kaabiliyat के जरिये haasil कर li..और आज दिल्ली भी आ गया...बिजेन darasal manipur के छोटे से gaon के behad sadharan परिवार से है लेकिन उसके iradey behad asadharan हैं...mujse ekdin अपनी dillitamanna batatey हुए बिजेन ने कहा...bhiayya मैं anchor bannna चाहता hun......मैंने कहा तू jarur anchor बनेगा....और yakinan बिजेन बनेगा.....usey banna ही होगा...अपनी माँ के लिए, didi के लिए..और हाँ laalam के लिए भी.....और मेरे लिए to बनेगा ही.......आप sabko कभी bhagwaan से मिलने की iksha हो to बिजेन से jarur miliyega....kyunki इस दौर me हर बात में imaandaari और pavitrata अगर किसी के पास है to क्या woh bhagwaan से कम है...
और हाँ..बिजेन तुम anchor banoge, तुम safal hoge और समाज को बहुत कुछ doge ये मेरा aashish है तुम्हारे लिए....दिल्ली जैसे mujhpar mehrabaan रही है ussey भी jyada tumpar होगी ये कामना करता hun....tumhaari नई पारी के लिए dheron subhkaamnayen....और deshbandhuwalon बड़े bhagyashaali हो की delli में तुम्हे बिजेन जैसा इंसान मिला है..उसकी kadra करना ...
bijen ढेर saarey प्रेम और aashish के साथ
tumhara bhai
hridayaendra
13.4.08
बिजेन आया भाई बिजेन आया
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6 comments:
सिंह साहब,बिजेन को शुभेच्छा कि उसकी हर जायज़ मुराद पूरी हो लेकिन आपका पोस्ट हिंदी और इंग्लिश का वर्णसंकर सा प्रतीत हो रहा है,शुरुआत में ऐसा होता है किसी विशेष लेखन औज़ार के प्रयोग से धीरे-धीरे अभ्यास हो जाता है और सब सहज लगने लगता है। जारी रहिये.....
Bijan aaya bhai Bijan,Bijan ko badhai.Bijan aab jaldi Deshbandhu mat chodana.Chah mah pahila Prabhat Khabhar Se bhaskar Aaye thae,Teen mah Pahele bhaskar Se Jagran.Aur ab das din pahele Jagran Se Deshbandhu.Bijan tumhe ek Bar phir Badhai.Aab ke kam kam se kam Ek saal ke pari khelna.
हृदयेंद्र भाई, अब तक की सबसे अच्छी रचना मुझे ये वाली ही लगी। आपने इस पोस्ट में इमोशन, मनुष्यता, दोस्ती, साथी, ईमानदारी, सामाजिकता, पत्रकारिता....ढेर सारी चीजों को समेट लिया है और बेहद पठनीय बना दिया है। यही वो आत्मा है जो आजकल के पत्रकारों में नहीं है। आप बेहद संवेदनशील और शानदार आदमी हो, आपसे मिलने की इच्छा मेरी बढ़ गई है। और हां, बिजेन भाई से कहियेगा कि मैं उनसे दोस्ती करना चाहता हूं। उन जैसे लोगों के लिए हम लोग काम आ सकें, यह हम लोगों का सौभाग्य होगा।
इस शानदार रचना के लिए मेरी तरफ से बधाई स्वीकारिये।
यशवंत
bhai,
dhanyavaad. shaandaar hai lekhan bhi or vichaar bhi,
bijen ko badhai or bhavishya ki hardik subheksha.
Jai Jai Bhadaas
बीजेन भाई मैं तुम्हे दिल से याद करता हूं। पटना वाले दोस्त नवीन से तुम्हारा नम्बर भी लिया था, पर फोन नहीं कर सका। क्षमा चाहूंगा। दिल्ली पहुंचने पर तुम्हें बहुत बधाई। तुमसे बात करने की बहुत इच्छा है। अपना नम्बर जल्दी देना।
kaishai ho bijen. Tumhare bare me padh kar achha laga. Machkoor g se tumhara no lekar Mai joldi ccll karunga.
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