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23.4.08

ई आईपीएल सर्कस ह........


ई आपीएल सर्कस ह......
के कहता कि सर्कस खत्म हो गईल बा.....अबो सर्कस देखे के मिल रहल बा...सरकस के जीवन दान दान देवे के काम कइले बा आईपीएल। अब ट्वेंटी ट्वेंटी क्रिकेट मैच देखे के बहाने सरकस देखल जा सकेला...इ सरकस मैदान में हो रहल बा...ए में क्रिकेट सिनेमा अउर राजनीति के सुमेल बा....सरकस के मैदान में शाहरुख खान सिटी बजावत लउक जालन...दुगो मैच जीतला के बाद उ कहेलें बा केहु हमरा से बड़ जादुगर...त उनका के चुनौती बड़ दिल वाली प्रीटि जिटा दे रहल बाड़ी...सरकस के उत्साह बढ़ावे खातिर राजनीति के मैदान से फुर्सत निकाल के कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी भी आपन बहिन अउर दामाद के लेके पहुंच जा रहल बाड़न....
आईपीएल सरकस में सबसे बड़ बात बा एके टिकट लेके मैदान में देखल जा सकेला...अगर टिकट नइखी ले सकत ता सोनी के सेटमैक्स चैनल पर भी देख सकत बानी....जब पुरान जमाना में सरकस देखे जात रही जां त ओमे कम कपड़ा पेन्ह के लइकी लोग बड़ा सुनर सुनर करतब देखावत रही जा...आईपीएल सरकस में भी लइकी लोग बड़ा मस्त मस्त अदा देखावत बाड़ी जा...जइसे जइसे चउका अउर छक्का लागेला ओइसे ओइसे मस्त अदा लोग देखा रहल बा...इस सब देख के बुढ़ पुरनिया आदमी के भी जीव जुड़ा जात बा....शाहरुख खान एतना नीक नीक लइकी एक आईपीएल सरकस में लेके आइल बाड़े की का बताई जां..दिल खुश हो जा रहल बा मैच देख के....केहु कहता कि एह से क्रिकेट के साथ अन्याय हो रहल बा...लेकिन हम कहतानी की एह से सरकस के नया जीवन मिल रहल बा...हमार आईपीएल के आयोजक से गुजारिश बा कि आईपीएल के मैच( सरकस पढ़ी) के दौरान पिंजड़ा में शेर, बाघ, भालू भी लेके आईं जा....एह से लोग के दिल अउर खुश हो जाई मैच देख के....अब सेट मैक्स चैनल के भी देखीं उ आईपीएल मैच ( सरकस समझी) के परचार कइसे कर रहल बिया....टीवी पर बार बार एड आ रहल बा कि देखीं मनोरंजन के बाप.....सचमुच सिनेमा आ सरकस देख के पहिले लोग मनोरंजन करत रहे....पर अब मनोरंजन के साधन बदल गोइल बा....ई आईपीएल सरकस सचमुच मनोरंजन के बापे हउए....हम सेटमैक्स चैनल के भी बहुते शुक्रगुजार बानी...कि उ मनोरंजन के बाप ले के आइल बाड़न....

- विद्युत प्रकाश मौर्य

3 comments:

यशवंत सिंह yashwant singh said...

बढ़िया लिखले बाटा। हमरा त इंट्रेस्ट इ गेम वेम में कब्बो ना रहल लेकिन जबसे शाहरूख और जिंटा क टीम का जिक्र होखे लागल तबसे कुछ देखे लगलीं...
नीक लिखले बाटा.....

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

इलैक्ट्रिक भिड़ू,तुम एकदम झकास लिख रएला है,अपुन को तो बाप पत्ता इच नईं था कि इन्नो सरकस में इत्ते सुन्दर-सुन्दर जनावरां लोग आ रएले साला चूक गया; नेक्स्ट टाइम नक्की देखेंगा...

Anonymous said...

वाह वाह विद्युत भैया,
का कमल के लिखल बाडन, मजा आ गइलवैसे सही कहीं त हरा के त बड़ा नीक लागल बा और सबहू के नीक लाग रहल बा, वैसे भी ई ससुरा पुरने पुरने देखके दिलवा बोरहो रहल गइल।
अब ऐसन अगर टी वी के समाचार मे भी देखि के मिली त मजा आ जाईं.