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5.1.09

अपशब्दों के इस्तेमाल से बचकर निकालें भड़ास



पिछले कुछ दिनों से भड़ास पर जो लोग लिख रहे हैं उसकी क्वालिटी किसी अच्छे अखबार केसंपादकीय लेखन से कम नहीं है। इस केलेखन से प्रभावित होकर हजारों लोगों ने Žलागिंग की दुनिया में कदम रखा है। कई बार ऐसी चीजें घटती हैं जिसके बारे में हम बहुत कुछ कहना चाहते हैं। पर उसके लिए मंच नहीं मिलने केकारण वो चीजें सही होते हुए भी हम व्यक्त नहीं कर पाते। समाचार पत्रों और टेलीवीजन की अपनी सीमाएं हैं। पर भड़ास एक ऐसा मंच है जिसकी कोई सीमा नहीं है पर हां इसकी सीमा वो हर भड़ासी के मन में होनी चाहिए वो है अपशŽदों के इस्तेमाल से बचना। अगर आप एक आदर्श भड़ासी केरूप में हमसे जुड़े रहना चाहते हैं तो हम आप से उमीद करते हैं कि एक सुंदर शŽदों का चयन करके बिना कोई हताशा दिखाए अपनी बात रखें। पिछले कुछ दिनों में कई भाषाओं में छप रहे अखबारों के माध्यम से हमने देखा कि किस तरह से उन लोगों ने भड़ास के बारे में एक सकारात्मक रिपोर्ट प्रकाशित की है। हम एक परिवार के सदस्य हैं और हर किसी केसुख-दुख में शरीक होने का प्रण हमारे दिल में होना चाहिए। मुझे लगता है कि भड़ास का यह एक नया अवतार है जहां पर सबसे हम उमीद करते हैं कि अपनी अच्छी-अच्छी रचनाएं, अच्छे लेख, कविताएं और यात्रा वृत्तांत के साथ अपने शहर की विशेषताओं के बारे में यहां पर प्रकाशित करेंगे। मेरी आप सबसे गुजारिश है, आइए हम इस मंच को और बड़ा बनाएं जिसमें स्वच्छता और सुंदरता का आभास हो।
जय भड़ास और जय भड़ासी परिवार

1 comment:

दिगम्बर नासवा said...

मैं आपकी बात से इत्तेफाक रखता हूँ अप-शब्द कहने से हमको बचना चाहिए