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26.3.09

हम गधे और घोडे हैं. अब कुत्ते आने वाले हैं

लो साहिब कोई बात नहीं हम भडासी लोग गधे हैं और पत्रकारिता के बोझ को किसी प्रकार से सहते हैं। हम घोडे भी हैं क्यों की जब हम कैमरा और आई डी लेकर दौड़ते हैं तो हम घोडे बन जाते हैं। क्या हम चिडिया घर मैं आ गए हैं। जी हाँ पर चिडिया घर मैं कुत्ते भी तो होने चाहिए। आख़िर वोह भी तो जानवर ही हैं। तो इसमे अब टाइम बचा ही कहाँ है। अबे महामूरख अब अगले एक महीने तक हमें चुनाव की कवरेज करेंगे। तो बता किस के साथ रहेंगे। चलो यह तो अच्छा है की कम से कम पाँच साल बाद चिडिया घर के सभी जानवर एक साथ होंगे। तुम्हारा मनपसंद जानवर भी रोज़ हमारे कैमरे में हुआ करेगा। कम से कम २ महीने तक तो तुम्हें कोई फिकर नहीं।

छोड़ यार तू तो कहीं की बात कहीं ले जाता है।

2 comments:

Arvind Singh Sikarwar "AZAD" said...

vande matram ji


aapne bikul sahi baat kahi hai aur aapke kahne ki shaily ko dekhakar lohiya ji ki yaad aa jati hai wo bhi kuch isi tarah shpasht kahte the
vande matram
aal the best for ur one month

Anonymous said...

achha likhte ho...
skgsd...