कोलकाता सरकारी वाहनों व कार्यालयों में राष्ट्रीय प्रतीक सत्यमेव जयते लिखा होना अनिवार्य है। यह बात कोलकाता हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कही है। हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि सरकारी वाहनों व कार्यालयों में अशोक स्तंभ पर सत्यमेव जयते अवश्य लिखा जाय। मुख्य न्यायाधीश एसएस निज्जर की खंडपीठ में एक जनहित याचिका के संदर्भ में दलील दी गयी थी कि हाईकोर्ट के कई बार निर्देश देने पर भी कुछ विभागों में सत्यमेव जयते नहीं लिखा गया। इधर अधिकतर केंद्र व राज्य सरकार के कार्यालयों में सत्मेव जयते नहीं लिखा गया है। यहां तक कि सरकारी वाहनों पर से अशोक स्तंभ नदारद हैं। छह जनवरी को पहली बार इस मामले पर सुनवाई हुई थी। तब हाईकोर्ट ने कहा कि था कि यह राष्ट्रीय महत्व का मामला है। राष्ट्रीय प्रतीक के मामले में किसी तरह की भूल असंवैधानिक है। कमल दे द्वारा दायर जनहित याचिका की फिर 20 मार्च को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा था कि सरकारी कार्यालयों में राष्ट्रीय चिन्हों की अवमानना नहीं होनी चाहिए। इसके बावजूद शुक्रवार को अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने दलील दी कि अभी भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। इसके बाद होईकोर्ट ने आदेश दिया कि सभी सरकारी वाहनों व कार्यालयों में राष्ट्रीय प्रतीक का होना जरूरी है। (साभार
24.5.09
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