थी संजीदा फौज में कुछ नामवर हस्ती मगर
उनके नामो से है बेहतर बदनुमा पत्थर के नाम
मांगना है जो भी मुझको मांग लूँगा आपसे
मैं गुजारिश लेके जाऊ क्यों किसी अफसर के पास ।
दिल के दस्तावेज पर जागीर- ए -गम को छोड़कर
हमने सबकुछ लिख दिया सिमे पैगम्बर के नाम।
पुश्त पर शब्बीर है सजदे में खैरुल अनाम -
शरफ ये भी लिख दिया अल्लाह ने सरवर के नाम।
मित्रो की कोशिशें नाकाम सारी हो गई -
सब उजाले हो गए फिर डूबते दिनकर के नाम।
-डॉक्टर यशवीर सिंह चंदेल ''राही''
25.5.09
डूबते दिनकर के नाम...
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment