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25.5.09

रास्ता होता है.....बस नज़र नहीं आता.....!!

कभी-कभी ऐसा भी होता है
हमारे सामने रास्ता ही नहीं होता.....!!
और किसी उधेड़ बून में पड़ जाते हम....
खीजते हैं,परेशान होते हैं...
चारों तरफ़ अपनी अक्ल दौडाते हैं
मगर रास्ता है कि नहीं ही मिलता....
अपने अनुभव के घोडे को हम....
चारों दिशाओं में दौडाते हैं......
कितनी ही तेज़ रफ़्तार से ये घोडे
हम तक लौट-लौट आते हैं वापस
बिना कोई मंजिल पाये हुए.....!!
रास्ता है कि नहीं मिलता......!!
हमारी सोच ही कहीं गूम हो जाती है......
रास्तों के बेनाम चौराहों में.....
ऐसे चौराहों पर अक्सर रास्ते भी
अनगिनत हो जाया करते हैं..........
और जिंदगी एक अंतहीन इम्तेहान.....!!!
अगर इसे एक कविता ना समझो
तो एक बात बताऊँ दोस्त.....??
रास्ता तो हर जगह ही होता है.....
अपनी सही जगह पर ही होता है.....
बस.....
हमें नज़र ही नहीं आता......!!!!

1 comment:

Unknown said...

bahut achhe bhootnathji
achha laga
badhai