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4.5.09

अश्लीलता की लड़ाई

कुछ दिन पहले टीवी चैनलों पर अक्षय कुमार द्वारा पैंट की बटन खोलने का मामला जोर-शोर से दिखया गयाएक फैशन शो में अक्षय कुमार को अपनी पत्नी द्वारा पैंट का बटन खोलते सभी प्रमुख चैनलों ने दिखायाउन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने पदमश्री कि गरिमा को धूमिल किया हैअश्लीलता का खुलेआम प्रदर्शन का आरोप लगा अक्षय कुमार और उनकी पत्नी ट्विंकल खन्ना पर मुक़दमा भी दर्ज कर दिया गयापुलिस वाले अक्की के पीछे हाथ धो के पड़ गए कि कब उन्हे गिरफ्तार कर सलाखों में कैद करेवो तो अक्की कि किस्मत अच्छी थी कि पुली के हत्थे नहीं आएजब उन्हें इसकी ख़बर मिली तो उन्होंने अपनी कृत्य के लिए सबसे यह कहते हुए माफ़ी मांग ली कि मेरा मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाना नहीं था

मुझे यह समझ में नहीं आता कि अक्षय ने किस तरह की अश्लीलता का प्रदर्शन किया , किसके खिलाफ अश्लील प्रदर्शन किया...? यह बात हम सभी जानते हैं की फैशन शो में मॉडल्स बढ़-चढ़कर अंग प्रदर्शन करते हैंडिजायनर कपड़ों के साथ-साथ मॉडल्स अपने अंगों का भी प्रदर्श करते हैंमॉडल्स अपने शरीर को सुगठित व् सुडौल बनने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपनाते हैंयही हाल फिल्मी दुनिया के कलाकारों का भी है

अश्लीलता की परिभाषा के बारे में कोई भी विद्वान एक मत नहीं हैयदि अक्षय कुमार ने वास्तव में अश्लीलता में का प्रदर्शन किया है तो वे सज़ा के अकेले हक़दार नहीं हैंअश्लील प्रदर्शन के लिए फिल्मी दुनिया से लेकर राजनीति की दुनिया के सियासतबाज भी सज़ा के हक़दार हैं

पिछले ६२ सालों से गरीबी, अशिक्षा, भ्रष्टाचार, आरक्षण, जातिवाद, क्षेत्रवाद, धर्मवाद, और बेरोज़गारी के बल पर सभी राजनीतिक दल के नेता जनता से अश्लीलता की लड़ाई लड़ रहे हैंलोकतंत्र के मन्दिर तक को राजनेताओं ने अपने अश्लील प्रदर्शन से दूषित कर दिया हैपुलिस प्रशासन ऐसे अश्लील प्रदर्शनकारियों पर चुप्पी क्यों साधे है? जिनके कन्धों पर लोकतंत्र और लोक की रक्षा और सुरक्षा की जिम्मेदारी है

मैं उन श्लीलता के ठेकेदारों से पूछता हूँ कि अक्षय कुमार ने जो अश्लील प्रदर्शन किया है उससे किसे आर्थिक और सामाजिक क्षति पहुंची हैशायद किसी को नहीक्योंकि उनका यह प्रोफेसन हैलेकिन जिनका प्रोफेसन लोकतंत्र के आधार को मज़बूत करना हो, जनता के लिए कल्याणकारी योजनाओं को क्रियान्वित करना हो, विकासशील भारत को विकसित बनाना हो वो अपना प्रोफेसन छोड़ एक-दुसरे पर छीटाकशीं करते हैंसंसद की कार्यवाही में अश्लीलता का प्रदर्शन कर बाधा पहुंचाते हैंजनता की गाढ़ी कमाई को ये राजनेता तुच्छ अश्लील प्रदेशन में व्यय कर देते हैंइनके खिलाफ कानून के पास कोई सज़ा नहीं है?

भारतीय कानून सभी को सामान दृष्टि से देखने का दावा करता है, तो उसकी नज़र सिर्फ़ अक्षय कुमार और उनकी पत्नी पर ही क्यों पड़ी? पिछले ६२ सालों से जो राजनेता जनता और जनतंत्र से अश्लीलता की लड़ाई लड़ रहे हैं ऐसे लोगों पर भारतीय कानून आंखों पर काली पट्टी क्यों बांधे है? क्या कानून की नज़र में जनता से अशिक्षा, गरीबी, बेरोज़गारी, जातिवाद, क्षेत्रवाद, धर्मवाद, आरक्षण और भ्रष्टाचार का हथकंडा अपनाकर अश्लीलता की लड़ाई करने वाले राजनेता दोषी नहीं हैं?

4 comments:

Unknown said...

prabalji,
aapki baat bilkul sahi hai, bila vajah kuch log zabrdasti hi aise muddon ko tool de dete hain jin me koi dum nahi hota......BADHAI
-albela khatri

Anonymous said...

nau sau chuhe kha ke billi haj ko chali ! sarkar aslilta ka prtiman tay kar rhi h...jin harkato ko prabal aslil man rhe h sarkar unhe aslil nhi mnti. sarkar jise aslil manti h wo sabhi ko pata chal gya hoga. ab ye saf h ki logo ko kya karna chahiye kya nhi karna chahiye...jaise ki...bina shirt ke kisi ladki ko baho me liye ramp pe shouk se aayiye....lekin paint ki bitton mat khulvayiye.
bechara akshya kumar wo bhi sochta hoga kya kya kar diya...lekin aslil kam ab ja ke kar paya !!!
Rangnath Singh

Rangnath Singh said...

nau sau chuhe kha ke billi haj ko chali ! sarkar aslilta ka prtiman tay kar rhi h...jin harkato ko prabal aslil man rhe h sarkar unhe aslil nhi mnti. sarkar jise aslil manti h wo sabhi ko pata chal gya hoga. ab ye saf h ki logo ko kya karna chahiye kya nhi karna chahiye...jaise ki...bina shirt ke kisi ladki ko baho me liye ramp pe shouk se aayiye....lekin paint ki bitton mat khulvayiye.
bechara akshya kumar wo bhi sochta hoga kya kya kar diya...lekin aslil kam ab ja ke kar paya !!!
Rangnath Singh

मेरी आवाज सुनो said...

aap logon ki pratikriya ke liye bhut shukriya.