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9.5.09

Loksangharsha: सुप्रसिद्ध चिन्तक मुद्राराक्षस से प्रखर आलोचक महंत विनय दास से एक बातचीत 3

महंत विनयदास : इन दिनों हिंदू और उसके विभिन्न आनुषांगिक संगठनो को बिना प्रमाण के आतंकवादी घोषित किया जा रहा हैक्या आप को नही लगता की हमारी सरकार इस दृष्टि को अपना कर अल्पसंख्यको को मरहमलगा उनका वोट बैंक हथियाने की साजिश कर रही है?

मुद्राराक्षस:यह बात पूरी तरह ग़लत हैआज से दो साल पहले नांदेड का उदाहरण देते हुए मैंने लिखा था की हिंदू संगठन खतरनाक हो चुके है आज सारे प्रमाण सामने हैनांदेड में बम बनाते वक़्त का विष्फोट हो या कानपूर का या फिर मालेगाव का,इन सभी में मौके पर हिंदू युवक ही मरेउन स्थानों से भारी मात्र में बम बनने की सामग्री ,इस्लामी दाधिया,टोपिया और लुन्गीय बरामद हुईयानी की हिंदू युवक मुस्लिम वेश बनाकर विष्फोट करते थेमालेगाव विष्फोट में जो मोटरसाईकिल इस्तेमाल हुई थी ,वह किसी मुस्लमान की तो नही थी? और अब किस तरह का प्रमाण चाहिए ,हिंदू आतंकवाद को सिद्ध करने के लिएइस देश के सारे विस्फोटो की जांच होनी चाहिए
लेकिन होता यह है की ऐसे विस्फोटो की साड़ी जांच पड़ताल गड्ढे में दबा दी जाती हैऐसी स्तिथि में आतंकवाद के सच को सामने लाना भी जटिल होता जा रहा है

महंत विनयदास :उडीशा के कंधार में अल्पसंख्यक इसाइयो पर जिस तरह से कहर ढाया गया उसमें हिंदू संगठनऔर सरकार में कौन ज्यादा दोषी है ?

मुद्राराक्षस : दोनों हीक्योंकि उङीसा की सरकार भी तो हिंदू संगठनो के सहयोग से चल रही हैइसाइयों के विरूद्व वहा की हिंसा यदि पुलिस चाहती तो कुछ ही घंटो में रुक जातीलेकिन ख़ुद नवीन पटनायक चाहता रहा की वह भी नरेंद्र मोदी बन जाए

महंत विनयदास : क्या कारण है की जब-जब चुनाव या राष्ट्रिय पर्व नजदीक आते है आतंकवादी गतिविधिया बढ़जाती है और मीडिया उनका डरौना दिखलाता है,आखिर क्यों ?उसके पहले या बाद में क्यों नही?

मुद्राराक्षस: ये सच नही हैपहले और बाद में भी यही होता रहा हैयह अलग बात है की जब चुनाव आते है तो लोग सब कुछ चुनाव से जोड़कर छुट्टी पा लेते है

महंत विनयदास :इधर जितने भी विष्फोट या विभिन्न देशो के राष्ट्राध्यक्षों ,प्रधानमंत्रियो की जो हत्याएँ हुई हैउनमें अक्सर C.I.A को जोड़ा जाता रहा हैइस सन्दर्भ में कुछ कहें

मुद्राराक्षस: C.I.A का काम बहुत लंबे समय तक पूरी दुनिया में बहुत कहाराब रहा हैख़ुद अमेरिका में भी C.I.A के विरूद्व काफी लिखा गया हैइधर C.I.A ख़ुद चर्चा में इसलिए नही है की उसकी भूमिका ख़ुद अमेरिकी सरकार अदा करती रही है

महंत विनयदास : कई विद्वानों ने मुस्लिम उलेमाओ,देव्बंदो को भारत की आजादी की लडाई में अग्रिम पंक्ति में माना हैकिंतु आज उन्ही दारुल उलूम देवबंद को आतंकवादी कहा जा रहा भाईउन्हें साजिशन बदनाम किया जारहा है या आज उनकी भूमिका बदल गई है

मुद्राराक्षस: यह आरोप बिल्कुल ग़लत हैदेवबंद एक अच्छी इस्लामिक वैचारिक संस्था हैउसी तरह जिस तरह वाराणसी में विद्वत परिषद् है

1 comment:

Anonymous said...

devband hi kyon saari islaamik sansthaayen saanskratik aur vaicharik hain. talibal bhi vaicharik sanstha hi hai

khurafaat to hundu sansthaayen hi karti hain .... hai na ?

koyi aur nahin mila interview ke liye ??