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1.9.09

सुखा रहत में २० फीसदी वेतन ऊट के मुह में जीरा
हॉल ही में कांग्रेस पार्टी ने एलान किया है की मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और बोर्ड के अध्यक्षों का 20 फीसदी वेतन सूखा राहत के लिए देने का भी फैसला किया है। यह कटौती एक साल तक जारी रहेगी। यो तो ऊट के मुह में जीरे वाली बात हुई है क्यों ने कांग्रेस ये एलान करती की उस के पार्टी के कोष में ज़मा राशिः का 20 परतिशत सुखा रहत में दिया जाये क्यों न उनकी पार्टी के नेतावो की कुल आये का 20 परतिशत सुखा रहत में देने का एलान किया जा रहा है क्यों न उनकी शानो शोकत पर खर्च होने वाले रकम का 20 फिसदी सुखा रह्त में दिया जाये यदि वस्तवो में सुखा ग्रस्त लोगो को रह्त पहुचना है तो क्यों न पार्टी के धन कुबेरों की साल भर की आमदनी का 20 फीसदी सुखा रहत में दिया जाये पार्टी के पूर्व मंत्रियो ,मुख मंत्रियो , वर्तमान मंत्रियो ,मुख्मंत्रियो की कुल आय का 20 फिसदी , दिया जाये मुझे विश्वास है की ये रकम करोडो अरबो में हो सकती है
इस के साथ ही मेरा एक अनुरोध और भी है की इस रकम को किसी को मुफ्त में ( बाटा ) दिया न जाये / क्यों की किसान कोई भिखारी नहीं है न ही उसे मुफ्त के खरात की जरुरत है बल्कि इस रकम को सिचाई की वाव्स्था करने में खर्च करे तो इस देश के किसानो की तक़दीर बदल जायेगी स्वतंत्रा दिवस पर (१५ अगस्त ) प्रधान मंत्री जी
ने किसानो को कर्ज देने की बात कही है किसान कोई भिखारी नहीं है किसानो को कर्ज नहीं चहिये उने तो सिचाई की वेवस्था चहिये समय से खाद पानी की जरुरत है फसल के सही कीमत की जरुरत है


में यू पी के चंदुली (वाराणसी ) का रहने वाला हु इलाका सूखे की चपेट में है सुखा पहले भी आया है सरकारों ने अनुदान देने की घोशना पहले भी की है लेकिन में कम से कम इतना जानता हु की किसी किसान के पास कागज ही पुरे नहीं हुए की वो उस का लाभ ले सके इस लिए ये फालतू की घोसना करने की बजाये सरकार सीधे काम करे सूखे की चिंता सभी को है और मुझे लगता है की इस बार भी किसानो को अनुदान दिया जायेगा जो वो ले नही पाएंगे पार्टी कार्ये करता और अफसर, अधिकारी, बाबु ,क्लर्क, खा जायेंगे इस लिए इस बार अपील करता हु की सरकार एक बार अपने (वोट ) लालच को दर किनारे कर के जेतने करोड़ का रहत किसानो को देगी उतने को इस इलाके में सिचाई के संसाधन पर खर्च करे क्यों की अनुदान का पैसा किसानो को मिलता नहीं कर्ज किसान लेता नहीं / मुंबई में जो कई सो करोड़ का पुल बना है उस से मुझे कोई आपति नहीं है लेकिन इतना ही रुपए यदि सरकार हर साल एक सुखा ग्रस्त इलाके में सिचाई के संसाधन जुटाने के लिए दे दे तो इस देश के किसानो की तक़दीर बदल जायेगीइस पुल से तो सिर्फ मुंबई के ही लोग (वो भी कार वाले) ही इस्तेमाल कर रहे है लेकिन जो इस इलाके में नहरों का जाल बिछेगा तो पुरे देशा को खाद्यान की आपूर्ति होगी शहर में जिस तरहे से सड़क पुल के जाल बिछाने की जरुरत है उसी तरह गावो में नेहर, सिचाई के साधन का जाल बिछाने की जरुरत है जिस से सुखा ग्रस्त इलाके का हमेशा के लिए समाधान हो जाये इस से किसानो की दश तो सुधार ही सकती है इस इलाके की मिटी उपजाऊ है और इलाका समतल है गंगा नदी साथ से बहेती है फिर भी इलाके में पानी की कमी है
जरा सोचिये की नाहर में पुरे साल पानी रहे किसान जब चाहे जो फसल लगा ले तो उसकी कितनी हालत सुधार जाये गी इस इलाके का 80 परसेंट इलाका आसमानी बारिश पर ही निर्भर है गावो जवाहर से जुड़े लोग किसानो की हालत तो जानते ही है जो लोग नहीं जानते वो जान ले की किसान सरकारी लोने से कितना डरता है कहता है की कुर्की नीलामी हो जायेगी और फिर अनुदान तो जमीन वाले किसान को ही मिलता है खेत में मजदूरी करने वाले का क्या हो गा न फसल होगी न काम मिले गा ना अनुदान मिले गा उनका क्या होगा फिर छौटे किसानो को 500 , का चैक मिलेगा जो बैंक में खाते के आभाव में केश नहीं हो पाए गा जिसे जेदा मिले गा उसका रिश्वत में चला जाये गा वेसे भी राहुल गाँधी कहते है की 100 रुपये में 10 रुपये ही लोगो तक पहुचते है और राजीव गाँधी 1 रूपये में 10 पेसे की बात कहते थे यदि इस बात में सचाई है तो फिर सुखा रहत किसानो के लिए होगा या फिर बेईमान अफसरों के लिए अनुदानं देने का मतलब क्या है

yadavdharmender17@yahoo.com Dharmender yadav 9810426417

1 comment:

dharmender yadav said...

भाई साहब आपने तो बहुत बढ़िया लिखा है . लेकिन 500 का चैक बहुत कम लोगो मिलता है . और मै तो इसका भुक्त भोगीं हूँ . मुझे तो पिछले सूखे में 97 रूपये का चैक मिला था जो कैश ही नहीं कराया था . ऐसे बहुत से हमारे किसान भाई थे . धर्मेन्द्र जी आपने तो इस सच्चाई को दुनिया के सामने ला दिया है .
Santosh kumar Mo.9999316342,9910150129
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