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16.9.09

प्रधानमंत्री बनने की जमीन तलाश रहें हैं राहुल गांधी


अपना राजनीतिक भविष्य बेहतर बनानें में लगे हैं राहुल गांधी-रजनीश कुमार



कांग्रेस की राजनीति का रणनीति तय करने वाले युवराज राहुल गांधी भारत भ्रमण के अभियान पर अक्सर रहतें हैं। 2009 में 15 वीं लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस की शानदार सफलता के बाद पार्टी सरकार बनाने में भी सफल रही। जनता की उम्मीदों के चिरागों तलें कांग्रेस पार्टी ने जब मंत्रिमंडल बनाने का फैसला किया तो सबसे पहले राहुल गांधी का नाम कुछ सांसदों ने प्रधानमंत्री के तौर पर दिया , लेकिन राजनीति की माहिर सोनिया गांधी ने चापलूसों के दरकिनार कर अपने वादों पर टिकी रही औऱ मनमोहन सिंह को फिर से प्रधानमंत्री बनाकर अपने विरोधियों के साथ साथ कांग्रेस पार्टी में मौजूद चापलूसों को भी करारा जवाब दिया। मनमोहन सिंह जब प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने राहुल गांधी से मंत्रिमंडल में शामिल होने का अनुरोध किया। मनमोहन सिंह भी ऐसे मौके पर बेचारे साबित होते हैं। राहुल गांधी के बारें में मीडिया ने ये बताया कि राहुल ग्रामीण विकास मंत्री बन सकतें है लेकिन कांग्रेस का ये युवराज राजनीति के हर चाल से वाकिफ था। राहुल गांधी ने ये कह कर मंत्री बनने से इंकार कर दिया कि अभी वो जनता के बीच औऱ काम करना चाहतें हैं।
राहुल के इस फैसलें में कई जानकार दूर की राजनीति की चाल मान रहें थे। राहुल जानते थे कि अगर एक बार मंत्रिमंडल में शामिल हो गया तो प्रधानमंत्री पद तक पहुंचने में देर भी हो सकती है इसलिए राहुल बाबा ने ये फैसला लिया है कि वो अभी मंत्री न बनकर पार्टी और जनता की सेवा करना चाहतें है।
2004 में राजनीति में कदम रखने वाले स्वर्गीय राजीव गांधी के पुत्र राहुल गांधी ने अब एक फैसला किया है वो फैसला है देश भ्रमण का यानि जनता के बीच ज्यादा से ज्यादा
वक्त गुजारना चाहते हैं। इस देश भ्रमण के पीछे राहुल बाबा की एक दूर की सोच औऱ सोची समझी रणनीति भी शामिल भी है वो रणनीति है आने वाले समय में खुद को प्रधानमंत्री के रूप में देखना।
यानि राहुल गांधी देश भ्रमण पर जाकर जनता का हाल समाचार लेने के साथ-साथ खुद के प्रधानमंत्री बनने की जमीन तलाश रहें हैं।
साफ छवि और बेहतरीन व्यक्तित्व के मालिक राहुल गांधी जनता के बीच जाकर हमें कभी संजय गांधी की याद दिलातें है तो कभी राजीव गांधी की। दोनो नेता जनता के बीच इतने लोकप्रिय थे के इन्हें चुनाव में हराना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था ठीक उन्हीं दोनों के नक्शे कदम पर चलकर राहुल गांधी अपना राजनीतिक भविष्य खुद अपनें ही हाथों से लिख रहें हैं।


3 comments:

Asha Joglekar said...

Neeti kee bat to theek hai ki desh bhraman kar ke janata ke man men jagah ban rahe hain kuch rajneeti kee bhee sochen.

Sunita Sharma Khatri said...

चाहे कोई कुछ भी कहे, राहुल आने वाले समय के महानायक है। प्रधानमंत्री के पद पर जो उन्हे उनकी मां का त्याग ही पंहुचायेगा,वह आम जनता के दिलों में बसते है।

amit said...

Sunita Sharma Ji ke likhane se mai sahamat Nahi hoon