सर्वेश पाठक
पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान की सैन्य गतिविधियां और युद्धक हथियारों में बढ़ोतरी और महज 15 दिनों के भीतर चीन की सीमा पर भारत में चीनियों की घुसपैठ। इन दोनों घटनाओं को महज संयोग नहीं कहा जा सकता। क्योंकि यदि यह संयोग होता, तो एक साथ नहीं होता। इन घटनाओं से इन अंदेशों को बल मिलता है कि कहीं पड़ोसी देशों ने भारत के खिलाफ गुप्त समझौते तो नहीं कर लिए और मौके की तलाश में हैं कि कब कुछ गड़बड़ हो और हमारे देश पर हमला बोल दें।
इधर भारत सरकार कार्रवाई की बजाय महज एतराज जताने और अमरीका से दबाव डलवाने की रणनीति अपनाने का काम कर रही है। दोनों पड़ोसी देश (चीन और पाकिस्तान) शायद इन्हीं बातों का इंतजार कर रहे हैं कि भारत और विश्व के दूसरे देशों की प्रतिक्रिया क्या है, अगर मामला ढुलमुल हो, तो आगे हमले की तैयारियां की जाएं और भारत को दोनों ओर से एकसाथ हमला कर कमजोर और टूटने पर मजबूर किया जाए। अभी आज ही कोलकाता में इराक से आए एक जहाज में भारी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद बरामद हुआ, जो चीन की उड़ान भरने जा रहा था।
अत: इन घटनाओं को सामान्य नहीं देखा जाना चाहिए और सरकार को कठोर होना ही होगा, तभी ऐसी घटनाओं पर काबू पाया जा सकेगा और अमरीका जैसे देशों में भी सशक्त भारत का संदेश पहुंचेगा।
7.9.09
कहीं यह हमले की तैयारी तो नहीं...
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1 comment:
my dear friend
i think you are right. but, it is not very easy to china or pak. may be ho sakta hai.
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