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19.10.09

ये आसमां ये ज़मीं मेरे बाप की...

अमरिका इस दुनिया के समस्त संसाधन और मानवों पर जैसे जन्मजात कोई हक़ लेकर पैदा हुआ है...तभी इसके सैन्य अधिकारी पिकनिक पर भी जाते हैं तो उन्हें किसी देश की गरिमा प्रतिष्ठा की कोई चिंता नहीं होती क्योंकि उन्होनें दुनिया को किराए पर ज़मीन दे रखी है...ये बात मैं किसी व्यंग्य में नहीं कह रहा हूं बल्कि सच है यही इन दुष्ट अमरिकन्स की मानसिकता बलवती हो रही है..जो बारत जैसे देश ही तोड़ सकते हैं....लेकिन अभी भी ग़लत हो रहा है...वायुसेना को बिना कुछ सुने भारतीय कोर्ट में केस दायर कर देना चाहिए औऱ जो कुछ भी कार्रवाई हो सके वो भारतीय न्याय व्यवस्था के तहत हो..याने सज़ तो नहीं हो पाएगी लेकिन मामना इतना घिसट जाएगा कि दुनिया की सबसे तेज़ गति से चलने वाले अमेरिकी मामले के साथ घिसट कर ही मर जाएंगे...खैर..जो भी हो बहरहाल इस अमेरिकी दुस्साहस को क़तई हल्के से नहीं लिया जा सकता ज़रूरी अभी भी ये नहीं कि ये अधिकारी वाकई..गैरइरादतन भारतीय सीमा में घुसे थे....जो कुछ भी था इसका मतलव सिर्फ़ इतना है..कि वे अपनी सफलताओं के मद में बेहद चूर हैं....अमरिका जान ले ये ज़मीन तेरे बाप की नहीं ना तेरे पूर्वज़ों की यहा खुपड़िया गड़ी है....जय भारत के साथ बाउम्मीद मैं...

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