---- चुटकी-----
जब से
ख़त्म हुआ है
कनस्तर में आटा,
तब से
पसरा हुआ है
घर में सन्नाटा।
31.10.09
पसर गया सन्नाटा
Posted by गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर
Labels: पसर गया सन्नाटा
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अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
---- चुटकी-----
जब से
ख़त्म हुआ है
कनस्तर में आटा,
तब से
पसरा हुआ है
घर में सन्नाटा।
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