किसी को याद न आए तो भला क्या की जे,
किसी की याद सताए तो भला क्या की जे।।
वो बेवफा है बेरुखा है दगाबाज है बहुत,
पर ये दिल उसको ही चाहे तो भला क्या की जे।।
मित्रों बिस्तर की सलवटों को प्रयोग मित्रों ने अब तक बेचैनी को जाहिर करने के लिए किया है, यहां नया उपयोग देखें....
अर्ज किया है.....
अजीब रात है करवटों में कटी जाती है,
सलवटें बिस्तर पर न आए तो भला क्या की जे।
देश के हालात बिगड़ रहे हैं या सुधर रहे हैं यह तो दावे के साथ हमारे नीति निर्धारक भी नहीं कर सकते...
ढकने के लिए लोग को कपड़ा नहीं नसीब।
विकास दर आकाश में जाए तो भला क्या की जे।
और अंत में
सौ-सौ की दिहाड़ी में सौ दिनों का रोजगार।
सांसद अस्सी हजार पाएं तो भला क्या की जे।।
17.9.10
क्या की जे
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