आज बैंक की पास बुक उठा के देखी !!
बाज़ार भी छान मारा
तहखाने में भी खोजबीन जारी है ..
कुछ कहते है वो सितारों में मिलती है
मेरी किस्मत भी न्यारी है
कल रात बहुत ढूंढा वो सितारा
कल रात आसमान में बदल बहुत थे
मेने सितारों को एक टक देखता हूँ
इसी बहाने सर उठा के जीता हूँ
निखिल
im.nikhhil@gmail.com
09648936083
21.9.10
Meri kismat (rj nikhil )
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