अमृतरस: मेरी माँ .. -- Dr Nutan - NiTi: " मेरी माँ रात के सघन अंधकार में, तेरे आंचल के तले, थपकियो के मध्य, लोरी की मृदु स्वर-लहरियों के संग, मैं बेबाक निडर सो जाती थी माँ..."
29.9.10
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अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
अमृतरस: मेरी माँ .. -- Dr Nutan - NiTi: " मेरी माँ रात के सघन अंधकार में, तेरे आंचल के तले, थपकियो के मध्य, लोरी की मृदु स्वर-लहरियों के संग, मैं बेबाक निडर सो जाती थी माँ..."
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