नई दिल्ली. क्या 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में फंसी सबसे विवादास्पद कंपनी स्वॉन टेलीकॉम के असली मालिक पूर्व संचार मंत्री ए. राजा और उनकी निकट सहयोगी नीरा राडिया हैं? भले ही सीबीआई और इनकम टैक्स विभाग सुप्रीम कोर्ट के सामने इस सवाल का जवाब देने में हिचकिचा रहे हांे, लेकिन राडिया के टेप हुए फोन रिकार्ड इसका जवाब दे रहे हैं-हां। आयकर विभाग द्वारा टेप की गई राजा और राडिया की फोन पर बातचीत में स्वीकार किया गया कि स्वॉन टेलीकॉम में उनके शेयर हैं और वे जल्द ही इसके निदेशक बोर्ड में अपने लोगों को नियुक्त करना चाहते हैं।
स्वॉन टेलीकॉम को एक लाख रुपए की पूंजी से 2007 में स्थापित किया गया था। जनवरी 2008 में उसे 13 सर्किल में टेलीफोन सेवाएं देने का लाइसेंस मिल गया। इसके फौरन बाद कंपनी का मूल्यांकन 10 हजार करोड़ रुपए हो गया। क्योंकि उसके 45 प्रतिशत शेयर दुबई की इटिसलाट ने 4500 करोड़ में खरीद लिए। यानी साल भर में कंपनी की कीमत एक लाख से बढ़कर दस हजार करोड़ रुपए हो गई। आयकर विभाग का मानना है कि इसमें लगा पैसा विदेशों से राउंड ट्रिपिंग के जरिए लाया गया। इसमें राजा और राडिया की हिस्सेदारी की जांच हो रही है।
स्वॉन का रोचक रहस्य
दरअसल इस कंपनी को अनिल अंबानी ने स्वॉन केपिटल के नाम से तब स्थापित किया था जब उन्हें लग रहा था कि रिलायंस कम्यूनिकेशन को जीएसएम का लाइसेंस नहीं मिलेगा। लाइसेंस के लिए आवेदन करते समय तो इसका नाम स्वॉन टेलीकॉम कर दिया। फिर रिलायंस कम्यूनिकेशन को डुअल टेक्नोलॉजी की इजाजत मिल गई। जिस दिन उसे यह लाइसेंस मिला उसी दिन स्वॉन टेलीकॉम के सारे शेयर टाइगर ट्रस्टीज नाम की कंपनी को बेच दिए गए। इस कंपनी ने अपने 9.9 % शेयर मारीशस की डेल्फी इन्वेस्टमेंट्स को बेच दिए। डेल्फी इन्वेस्टमेंट्स के मालिकाना हक की अभी जांच हो रही है। बाकी बचे हुए 90.1 प्रतिशत शेयर मुंबई की रियल इस्टेट कंपनी डायनामिक्स बलवास के पास हैं। इसके मालिक मुंबई के शाहिद बलवा और विनोद गोयनका हैं।
राजा की कंपनी में लगाया पैसा
दिसंबर 2009 में स्वॉन टेलीकॉम के 5.8 प्रतिशत शेयर एक अनजान कंपनी जेनेक्स एक्जिम वेंचर्स ने 380 करोड़ रु. में खरीद लिए। इसके बोर्ड में दुबई की ईटीए स्टार समूह के सलाहुद्दीन, मोहम्मद हसन और अहमद शकीर आदि थे। स्वॉन टेलीकॉम ने ग्रीनहाउस प्रामोटर्स नाम की कंपनी के 49 प्रतिशत शेयर 1100 करोड़ रुपए में खरीदने की इच्छा जताई। इस कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में राजा की पत्नी परमेश्वरी थीं। उनका पता भी राजा का दिल्ली स्थित सरकारी आवास था। ग्रीनहाउस और और इक्कुवस एस्टेट्स नाम की दो कंपनियां राजा के करीबी सादिक बाचा ने 2004 में बनाई थीं। दोनों में परमेश्वरी डायरेक्टर थीं। लेकिन जनवरी 2008 में पूर्व गृहमंत्री शिवराज पाटिल के बेटे द्वारा अपनी कंपनी को पिता के सरकारी आवास से चलाने को लेकर हुई भद के कारण फरवरी में राजा ने दोनों कंपनियों से पत्नी का इस्तीफा कराया।
Exclusive: इनके कारण राजा को छोड़ना पड़ा सिंहासन
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