Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

27.12.10

सिर्फ और सिर्फ मैं ................
सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे साथ
मैं ....
चांदनी रात में,
समंदर किनारे ,
गीली रेत पर बैठकर ,
भर लेना चाहती हूँ
आँखों में अपनी तेरे चेहरे का नूर और ......
लेकर हाथो में हाथ ,
चलना चाहती हूँ ,
तेरे कदमो के निशान से ,
अपने कदम मिलाकर
बहाँ जहाँ डूबता हे सूरज सागर में कही दूर ,
सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे साथ
मैं ................................
संगीता मोदी "शमा"

3 comments:

A.G.Krishnan said...

Nice one.

Jai Shri Krishna

vandana gupta said...

बहुत ही सुन्दर ख्वाहिश्।

Dr Om Prakash Pandey said...

behad sundar , is kavita ko bar bar padhne kee iksha hotee hai .