क्या आपने डामर रोड़ में धूल उड़ते और पानी सिंचते देखा हैं?
संजय तिवारी ने की नयी रोड़ बनाने की मांग
क्या आपने कभी डामर की सड़क पर धूल उड़ते और इससे बचने के लिये पानी सिंचते कही देखा है? यदि नहीं तो यह नजारा आपको नगर पालिका दिखा सकती हैं।
जी हां ऐसा नजारा आपको एस.पी. बंगले के सामने से राकेश पाल के पेट्रोल पंप तक वाली रोड़ में दिख सकता है। यह आज से तीन साल पहले नगर पालिका ने इस रोड़ को 89 प्रतिशत अधिक की दर पर बनवाया था। पहली ही बरसात में इस रोड़ के घटिया काम की पोल खुल गई थी। इसमें हुये भ्रष्टाचार की शिकायत हुयी थी जिन पर राज्य सरकार स्तर से कार्यवाही अभी भी लंबित हैं। सड़क बनाने वाले ठेकेदारों पर तब भी तत्कालीन भाजपा विधायक एवं पालिका अध्यक्ष का संरक्षण प्राप्त था और आज भी विधायक एवं पालिका अध्यक्ष का संरक्षण प्राप्त हैं।
तब से लेकर आज तक इस सड़क पर धूल उड़ती देखी जा सकती हैं। जब कोई वी.आई.पी. इस सड़क से गुजरने वाला होता हैं तो पालिका अपनी करनी को छिपाने के लिये इस सड़क पर पानी सींच देती हैं तो कुछ समय के लिये धूल उड़ना बन्द हो जाती हैं।
हाल ही में हुये प्रभारी मन्त्री के कार्यक्रम में फोर लेन बचाने के लिये गठित किये गये गैर राजनैतिक संगठन जनमंच के संजय तिवारी ने मन्त्री जी से मिलकर किसानों,उनसे सम्बंधित व्यापारियों को मंड़ी से होने वाली तकलीफो और वहां की अनियमितताओंं तथा उक्त रोड़ को फिर से नयी बनाने की मांग की हैं। संजय तिवारी ने इस सयड़क को फिर से बनवाने की मांग तो की हैं लेकिन लगभग दुगनी कीमत पर घटिया काम करने वाले ठेकेदारों और पालिका के तकनीकी स्टाफको दंड़ित करने की मांग करना उचित नहीं समझा। इस बात की क्या गारंटी हैं कि मन्त्री जी यदि फिर ये पैसा देकर इस सड़क ाके नयी बनवादें तो वो काम घटिया नहीं होगा?
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