लाली छाये दशों दिशा में, जगमग जगमग हो जग सारा |
नवल वर्ष के नव प्रभात को विनत हमारी, नमन हमारा ||
शीतल, मलय सुवासित नंदन वन सा मह मह महके भारत |
कोकिल सा कूके इस जग में खग सा चह चह चहके भारत |
फटे शत्रुओं पर बन घातक ज्वाला भक् भक् भभके भारत |
शौर्य, तेज का तीक्ष्ण हुताशन बनकर दह दह दहके भारत |
तड तड टूटे सारे बंधन जीर्ण शीर्ण हो सारी कारा |
नवल वर्ष के नव प्रभात को विनत हमारी नमन हमारा ||
शेष फिर कभी वंदे भारत मातरम
मनोज कुमार सिंह मयंक
एक हिंदू आतंकवादी
2 comments:
नव वर्ष की हार्दिक बधाई।
वंदना जी
आपको और आपके समस्त परिवार को नववर्ष की हार्दिक बधाई।आप मेरा समस्त ब्लाग यहाँ पढ़ सकती हैँ।
www.manojsinghmayank.blogspot.com तथा www.atharvavedamanoj.jagranjunction.com वंदेमातरम
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