धान क्रय केन्द्रों, बिचैलियों, मुनाफाखोरों व भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्यवाही हो
अरविन्द विद्रोही
उ0प्र0 की मुखिया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने कृषि विभाग की समीक्षा करते हुए कहा था कि खरीफ के दौरान उर्वरक की उपलब्धता हर हालत में बनायी रखी जाये।नेपाल से लगी सीमा में खाद की तस्करी की चर्चा करते हुए सुश्री मायावती ने इस तस्करी को कठोरता से रोकने का निर्देश दिया तथा नेपाल की सीमा से लगे जनपदों में मांग से अधिक उर्वरक उपलब्ध न कराने का आदेश दिया था।सुश्री मायावती के किसान हित के इन निर्देशों का पालन ईमानदारी व दृढ़तापूर्वक करने में नौकरशाही की नाकामयाबी किसी से छुपी नही है।विभिन्न किसान संगठन उर्वरकों की कमी और खाद की कालाबाजारी,जमाखोरी,मिलावटी खाद की समस्या को लेकर आंदोलित रहे।फिर भी अन्य वर्षों की अपेक्षा इस बार खरीफ की फसल में किसान राहत में रहे।
उ0प्र0 की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने धान खरीद की प्रभावी व्यवस्था के निर्देश अगस्त माह में ही दे दिए थे।किसानों को उनकी उपज का पर्याप्त एवं लाभकारी मूल्य दिये जाने की पुरजोर वकालत करते हुए सुश्री मायावती ने स्पष्ट चेतावनी दी थी कि धान क्रय के समय किसानों का उत्पीड़न बर्दाश्त नही किया जायेगा।मुख्यमंत्री के निर्देश व चेतावनी के बावजूद उ0प्र0 में किसानों को धान क्रय केन्दों पर उत्पीड़न व शोषण का शिकार होना पड़ रहा है।बेबस किसानों ने अपना धान 700रूपये प्रति कुन्तल की दर से ही बेचा तथा बिचैलियों तथा प्रभावी किसानों की पौ बारह है।तमाम किसान अपने धान के बोरों के साथ प्रशासन के सामने जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं।
काश.....उ0प्र0 की मुखिया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती की निगाहें किसानों के दुःख पर पुनः पड़ती तथा कार्यवाही का चाबुक भ्रष्ट धान क्रय केन्द्रों व मुनाफाखोरों,बिचैलियों,दलालों व गैर-जिम्मेदार अधिकारियों पर पड़ता।
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