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31.12.10

18 माह तक 21 करोड़ घटनाओं से हिल उठेगी दुनिया
महाभ्रश्टों और स्वार्थी राजनेताओं के नाम होगा नया साल
2011 की आगाज प्राकृतिक आपदाओं राजनैतिक घटनाओं और विस्फोटों से होगी। 18 माह तक छोटी बड़ी 21 करोड़ घटानाओं का मंजर दुनिया देखेगी। घटनाओं के केन्द्र में म अक्षर से षुरू होने वाले राश्ट्र स्थान नगर मुद्दे, मुस्लिम देष, महाषक्ति राश्ट्र, मंदिर, मस्जिद, माओवादी, मुस्लिम आतंकी, महाभ्रश्टाचारी होगें। पूर्व और वर्तमान तानाषाह मन्त्री, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और महामहिम राश्ट्रपति को आधार बनाकर पराप्रकृति ध्वंस और निर्माण का अनोखा खेल खेलेगी। नये वर्श में सर्वाधिक घटनायें अमेरिका भारत, चीन, लन्दन, पाकिस्तान, रूस, जापान, मुस्लिमराश्ट्र, और नेपाल सहित 13 देषो मे होगी। प्रकृति की सूची में अमेरिका, भारत, और पाकिस्तान का नाम सबसे ऊपर है। इस दौरान दो ट्रेनों दो बिमानों दो जहाजों में भिडन्त होगी। कही विमान गिरगें तो कही ट्रेने पटरी से उतरेगी। सड़को पर मौत दौड़गी अन्य वाहनों में टक्कर होगी। नेताओं में भगदड़ मचेगी। पार्टी बदलेंगे और पद त्याग करेंगे। कैदी फरार होगें। प्राकृतिक आपदाओं से विष्व हिल उठेगा। भूकम्प, तूफान भीशण अग्नि कांड होगे ज्वालामुखी फूटेंगे सुनामी के भी योग है। विनाषकारी घटनाओं दुर्घटनाओं से बचने के लिए दुनिया का प्रत्येक व्यक्ति हर महीने की 3, 4, 5, 10, 13, 18, 19, 20, 21, एवं 27, 28 इन तारीखों में पूरे परिवार के साथ एक ही वाहन में बार बार यात्रा ना करें। सुबह 4 से 6 बजे प्रकृति में असन्तुलन रहेगा तेज गति से बाहन न चलायें और धार्मिक कार्यो मे षादी के बाद लड़की की विदाई न करें।
काग्रेस के लिए विशम समय
महगाई की मार झेल रही काग्रेस के लिए 2011 बेहतर नही है। काग्रेज के युवा चहेरे राहुल गांधी पर नीच का चन्द्रमा हाबी रहेगा। इस दौरान वह कई बार ऐसी टिप्पणी करेंगे जिससे बिवाद उन्हें घेरे रखेगें। राहुल गांधी ने हिन्दू चरम पंतियों को लष्कर से ज्यादा खतरनाक बताकर विनाषकारी घटनाओं के बन्द दरवाजे खोल दिये है। मुस्लिम समुदायों के वोट पाने की खातिर उनके द्वारा की गई टिप्पणी सुरूआत मात्र है। राहुल गांधी की कुण्डली में नीच का चन्द्रमा उनसे इस तरह की और टिप्पणियाँ करायेगा। राहुल गांधी का भाग्योदय विदेष में होगा। राहुल गांधी के षादी के योग 2011 में बनेगें और प्रक्रिया तीन वर्श चलेगी। राहुल गांधी भारत की कमाल सभालेगें तो राश्ट्र समाज के हित में लोक कल्याणकारी कार्य न कर सकेंगे। ऐसे मे राहुल गांधी दाहिने हाथ की छोटी उगली में नौरत्ती का मोती धारण करें तो दुर्योग सुयोग में बदल सकता है। प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल का 10 वाँ वर्श देष काग्रेस पर भारी पड़ेगा। उनके 10 वे वर्श के सासन के तार 10 वीं लोक सभा चुनाव से जुड़े है। जिसमें महिला द्वारा मानव बम्ब के प्रयोग से राजीव गांधी की मृत्यु के बाद 13 वर्श तक सोनिया गांधी को राजनैतिक वनवास भौगना पड़ा घटनाओं का दौर अभी थमने वाला नही है। मार्च, मई, अक्टूबर, नबम्बर, और दिसम्बर माह में सरकारों के पतन नई सरकारों के गठन ध्वंस और निर्माण की जो प्रकिया चल रही है। उसके पीछे हमारे द्वारा जनवरी 1981 को सृश्टिचक्र में प्रक्षेपित म अक्षर 3, 10 और 13 के कालचक्र कार्य कर रहे है। इन माहों मे पराप्रकृति राजनेताओं को कभी षीर्श सत्ता पर बैठायेगी तों कभी रसातल में ढकेल देगी। उक्त माहों में अटल बिहारी वाजपेयी 3 बार प्रधानमंत्री बनें। इस कार्य में म अक्षर 3, 10 और 13 की भूमिका रही। देष में विकास का नया दौर षुरू हुआ। मई माह में मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के हाथो म अक्षर ने सौपीं दो बार देष की कमान। इन दोनो हस्तियों ने सत्ता प्राप्ति को अपना पराक्रम समझने की भूल की और देष को म नामधारी मँहगाई की दहकती आँग में झोक दिया। इस रहस्य को समझ कर कांग्रेस ने अपने चाल चरित्र और चिन्तन में परिवर्तन न किया तो 10 वे वर्श का षासन देष कांग्रेस नेहरू परिवार के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
धन्यवाद
आपने हमारा ब्लाॅक पढ़ा। अब हम जो बताने जा रहे है उससे आपकी अन्तर्रात्मा सिहर उठेगी। विकिलीक्स ने तो कुछ नेताओं व्यक्तियों और राश्ट्रों के रहस्य खोले। हम उजागर करने जा रहे है। दुनिया के तानाषाहों, भ्रश्टनेताओं अधिकारियों और राश्ट्रद्रोहीयों के सनसनी खेज राज। जनवरी 1981 में हमारे द्वारा ब्रह्माम्ड स्थित सृश्टिचक्र में प्रक्षेपित म अक्षर 3, 10 और 13 षक्तिध्रवों के रचे विधान से एक सुन्दर विष्व और एक षक्तिषाली भारत निर्मित हो रहा है। भ्रश्टाचार्य, जातिवाद, आतंकवाबद, स्वार्थ की राजनीति और नवसृजन दोनों एक साथ नही चल सकतें। ध्वंस के बाद नवसृजन की प्रक्रिया षुरू होती है। म के प्रहार से मार्च, मई, और 10 के प्रहार से 10 वां माह अक्टूबर तथा 3 के प्रहार से 12 वें माह दिस्बम्बर ं 1$2 त्र 3 में बडे से बड़े भ्रश्टाचारियों, अफसरों, समाज विरोधी ताकतों और महाभ्रश्ट मंत्रीयों मुख्य मंत्रीयों नवसृजन में बाधक ताकतो पर ऐसा कहर टूटेगा कि उनकी सारी खुषियाँ नेस्त नाबूत हो जायेगी। उक्त माहों में सरकारों के पतन नयी सरकारों के गठन ध्वंस और निर्माण की जो प्रक्रिया चल रही है। उसके पीछे म अक्षर 3, 10, और 13 के षक्तिध्रुव कार्य कर रहें है। इन षक्तिध्रुवों का बुरा प्रभाव कीसी भी राश्ट्र व समाज पर नही पड़ेगा। इसका प्रभाव माहपापियों और अत्याचारियों पर ही पड़ेगा। राश्ट्रहित में कार्य करने वालों को परा प्रकृति पुरस्कृत व सम्मानित करेगी। और जनता पर अत्याचार करने वालों को विनाष के अन्धें कुए में ढकेल देगी। म नामधारी प्रिन्ट मीडिया, इलेक्ट्रानिक्स, और ब्लाॅक मीडिया म अक्षर के नव सृजन का हिस्सा है। इन्ही के माध्यम से प्रकृति तीन बार माहपापियों को सचेत करने के बाद मार्च, मई, अम्टूबर, नबम्बर व दिसम्बर माह में घटनाओं को अन्जाम देगीं। इसी उद्देष्य से हम सम्पूर्ण विष्व को अपने ब्लाॅक के माध्यम से भ्रश्टाचारियो को सचेत कर रहे है। न सूधरें तो भुगतेगें परिणाम।
इतिहास गवाह है इनाक के तानाषाह राश्ट्रपति सद्दाम को दिसम्बर 2006 में फांसी पर लटकाया गया।
इतिहास गवाह है भारत का सबसे ज्वलन्त अयोध्या का मंदिर, मस्जिद बिवादित ढांचा दिसम्बर 1992 में ध्वंस की भेट चढा। और 460 वर्श पुराने विवाद का अन्त हुआ।
इतिहास गवाह है 31 अक्टूबर 1984 को भारत की तत्कालिन प्रधानमंत्री इन्द्रागांधी को उनके अंग रक्षकों ने 13 गोलिया मारी थी।
इतिहास गवाह है मई 1991 में राजीव गांधी की मृत्यु के 13 वर्श सोनिया गांधी को राजनैतिक वनवास भौगना पड़ा।
इतिहास गवाह है। अक्टूबर 1999 में पाकिस्तान का तख्ता पलटा और सैनिक षासक मुसर्रफ जबरन पाकिस्तान के राश्ट्रपति बने। कारगिल युद्ध में भारत को दोखा दिया। म अक्षर 3, 10, 13 का उन पर ऐसा कहर टूटा कि मार्च माह में जमीन पर आ गिरे और अब पाकिस्तान में ही पराये है। पाकिस्तान ने आंतकबाद का साथ नही छोड़ा तो वह इसकी आग में खुद भश्म हो जायेगा। पाकिस्तान के लिए आतंकी भश्मासुर साबित होगें। दूसरे राश्ट्रों नेताओं और लोगों को गलत रास्ता दिखाने वाले पाकिस्तान के षासक भटक गयें है और वह खुद ही देष को गर्द में ले जायेगें।
2011 साक्षी बनेगा 13 राजनैतिक हस्तियों के पतन का।
2011 साक्षी बनेगा 13 लोगों को ऊचाइयों तक पहुँचाने का।
2011 साक्षी बनेगा 13 बडे़ घोटालों के उजागर होने का।
2011 साक्षी बनेगा 13 दुस्मन राश्ट्रों की दुरिया कम होने का।
2011 साक्षी बनेगा 13 बड़ी योजनाओं की आधारसिला रखने का।
यही नही आगामी लोकसभा चुनाव तक केन्द्र में सत्तारूढ कांग्रेस नेतृत्व 13 अक्षर वाले सयुंक्त प्रगतिषील गठबंधन और सत्ता से बाहर भाजपा नेतृत्व 13 अक्षर वाले राश्ट्रीय जनतात्रिक गठबंधन के बीच ऐसी जंग छिडेगी कि उसकी गूज 2014 तक पूरे विष्व में सुनायी देगी। अगरेजी के 13 अक्षर वाले मनमोहन सिंह और मँहगाई को आधार बनाकर प्रकति अपना खेल खेलेगी।
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