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15.12.10

साँझ ढलने से पहले

साँझ ढलने से पहले ......................
नहीं ,
अभी नहीं जाना हे मुझे कही ,
अभी ,
बुत कुछ करना हे साँझ ढलने से पहले ,
दूर करना चाहती हूँ में
गम की,दुखों की परछाइयों को ,हर चेहरे से,
लाना चाहती हूँ मुस्कान ,
और सुख की लाली ,ख़ुशी हर चेहरे पर
साँझ ढलने से पहले ........................
कमला आज फिर नहीं आई हे ,
कम उम्र में ब्याह दी गई 'चंदा'
उसकी बेटी
अब कच्ची उम्र में ,
माँ बनने की चाह रखकर भी ,
न कर सकी पूरी चाह
और .........
खो दिया सपना जीवन भर के लिए ,
अपना ,माँ बनने का सुख पाने का ,
बचाना चाहती हूँ में
ऐसी ही कई 'चंदाओं' को
ताकि बिखेर सके अपनी शीतल चांदनी ,
और खुद भी सुख से रहकर ,
सुख दे सके शीतल चांदनी से अपनी
साँझ ढलने से पहले ...........................
अभी बहुत कुछ बाकि हे
करने के लिए ,
अभी नहीं जाना हे मुझे कहीं ......................
सोचती हूँ की साथ चलेगा कोई ?
न दे कोई साथ मेरा तो कोई बात नहीं ,
इस गहरी काली अँधेरी रात के बाद
फिर आएगी .....
इक नई उजली सुबह
और,
सूरज की सुनहरी किरणों के साथ
होगा नया आगाज़ ,
साँझ ढलने से पहले ......................................
संगीता मोदी "शमा"

12 comments:

vandana gupta said...

आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (16/12/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
http://charchamanch.uchcharan.com

Dr Om Prakash Pandey said...

chaliye aashawadee to hain !

शारदा अरोरा said...

एक ख़ूबसूरत उद्देश्य के साथ लिखा गया है , थोड़ी व्याकरण सुधारने के साथ परफेक्ट हो जाती कविता ..

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

सोचने पर मजबूर करती प्रस्तुति

Er. सत्यम शिवम said...

बहुत खुब प्रस्तुति.........मेरा ब्लाग"काव्य कल्पना" at http://satyamshivam95.blogspot.com/ जिस पर हर गुरुवार को रचना प्रकाशित...आज की रचना "प्रभु तुमको तो आकर" साथ ही मेरी कविता हर सोमवार और शुक्रवार "हिन्दी साहित्य मंच" at www.hindisahityamanch.com पर प्रकाशित..........आप आये और मेरा मार्गदर्शन करे..धन्यवाद

Yashwant R. B. Mathur said...

बहुत खूब!

रंजना said...

कल्याणकारी चाह है...

साधुवाद !!!

अनुपमा पाठक said...

saanjh dhalne se pahle saare soche lakshya praapt ho jaayein....
uddeshyapoorna rachna!

sangeeta modi shamaa said...

vandna ji namskar,meri rachna ko charcha manch me shamil karne ke liye bahut-bahut dhanybad

Crazy Codes said...

kavita achhi hai... dua karunga ki saanjh dhalne se pahle nahi suraj nikalte hi saari iksha purna ho jaye...

news bang said...

sangeeta ji aapke vichar aur rachna hain

Amarjeet Mishra said...

bahut hi samvedna liye huye baat kahi gayi hai,sangeeta ji aapko saadhuwaad