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13.1.11

हमार बेटवा त आजो जिन्दा बा….!


बेटे की आश में हर माँ पागल होती है जबतक उसके गोंद में उसके पेट से जन्मे बच्चे की किलकारियां न गूजे तबतक वो हर कार्य करने को बेताब दिखती है जिससे उसे बेटे की प्राप्ति हो सके,………………आखिर में उसके सच्चे तपस्या से एक दिन ऐसा आता है जब उसे उसकी लछ्य मिलती है यानि गोंद में बेटा,और फिर उस दिन के बाद सुरु होती है उसकी नयी जिन्दगी,अंत तक अपना हर पल न्योछावर करती है अपने अनमोल रत्न के लिए,अपने हर ख़ुशी की बलि चढ़ाती है अपने खून से पैदा उस लाल के सुनहरे जीवन के लिए और फिर इन सबके बाद किसी माँ को मिलता है ख़ुशी तो किसी को गम,किसी को उसके बेटे की सुनहरी जिंदगी तो किसी को अपने लाल की मौत!
हकीकत में एक माँ को अपने बेटे से उसके सत्कर्मो से ज्यादा किसी भी चीज की उम्मीद नहीं होती हर माँ हमेशा यही चाहती है की उसके बेटे का नाम इज्जत से लिया जाय और उसका बेटा हमेशा ऐसा कार्य करे की उसे उसको अपना बेटा स्वीकारने में गर्व महशुश हो भले ही उसका बेटा उसकी सेवा करे या नहीं!लेकिन ऐसी किस्मत हर माँ की नहीं होती कहीं कोई माँ अपने बेटे के जिन्दा रहते ही उसके दुष्कर्मों पर अनेको कष्टों को झेलने के साथ ही अपने सर को निचे झुका कर अपने बेटे को न चाहते हुए भी अपना कबूल करती है क्योंकि हकीकत में वो भी एक माँ ही है और उसने भी अपने बेटे को जन्म देने में उतना ही कस्ट उठाया है जितना हर माँ उठाती है जबकि वहीँ ठीक इसके विपरीत कुछ ही माओं को ये सौभाग्य प्राप्त होता है जो अपने लाल के नाम को गर्व से लेती है और अपने बेटे के सुकर्मों की वजह से उसके इस दुनिया में न होते भी उसको याद कर-कर के उसके साथ-साथ अपने ऊपर भी गर्व महशुश करती है!
उन सपूतों जिन्होंने अपने माता रूपी धरती के आन मान शान की रछा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी उन बीर अमर शहीदों को याद करते हुए इस देश की जनता आज जहाँ कई मौकों के साथ साथ विशेषतया १५ अगस्त और २६ जनवरी पर उनको याद कर सलाम करती है! ऐसे ही मौको पर वो माँ अपने लाल को जिसने अपनी धरती रूपी माँ को बचाने के लिए अपने जान की परवाह किये बिना उसकी बाजी लगा दी थी को गर पल अपने पास महशुश कर हमेशा अपने आपको गौरवान्वित महशुश करते हुए झट से किसी भी बात पर गर्व से कहती है किहमार हमार बेटवा त आजो जिन्दा बा और उ उ त हमेशा जिन्दे रही…………………………! दरअसल उन लाल सपूतों ने अपनी माँ को वो कमाई दी है जो बिलकुल भी अनमोल है तथा जिसके चलते आँखों में आंशुओ के भर जाने के बाद भी उन लाल सपूतों को याद करते हुए उन माताओं के शिने अचानक ही फुल जाते हैं!
तो आईये करते हैं सलाम उन अमर सपूतो के साथ साथ उनको जन्म देने वाली माताओं को जिन्होंने उनके जैसे लालों को इस धरती पर बुलाया साथ ही साथ सलाम उन बहनों को जिन्हें उन अमर शहीदों की पत्नी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ,तथा सलाम उन बच्चों का जिन्हें उन अमर जवानों का नाम और पहचान मिला!……..!!भारत माता कि जय!!

2 comments:

Kailash Sharma said...

महान हैं वे माँ और पत्नियां जिनके पुत्रों और पतियों ने देश के लिए अपनी जान दी. सलाम है ऐसी माताओं और पत्नियों को !

Shalini kaushik said...

aapki anya post ki hi tarah bahut achchhi post.apne sath desh ke veer sapooton ko hamara salam bhi preshit kijiyega....