आप भी कहेंगे कि क्या ऊँट-पटांग शीर्षक दिया है पर क्या करूँ मैं जिस व्यक्ति पर लिख रही हूँ वह तो मेरे शीर्षक से भी ज्यादा ऊँट-पटांग हैं.मैं बात कर रही हूँ प्रसिद्ध बॉलीवुड कलाकार आमिर खान की जिन्हें शायद तब तक चैन नहीं आता जब तक वे अन्य खान पर कटाक्ष ना कर लें.आज के हिंदुस्तान के अंतिम प्रष्ठ पर एक समाचार है"आमिर ने की सल्लू की खिंचाई" और यह पहली बार नहीं है वे पहले भी उनकी टांग खिंचाई कर चुके हैं .और सिर्फ उनकी ही नहीं वे शाहरूख खान का नाम भी अपने कुत्ते को दे उनके अपमान का प्रयास भी कर चुके हैं पर इन दोनों ने ही उन्हें इस अपमान पर कभी कुछ नहीं कहा.किन्तु इस तरह आमिर उनके प्रशंसकों को चोट पहुंचाते है और यह बात हम एक ऐसे समाज में स्वीकार भी नहीं कर सकते कि बिना वजह ही आमिर ऐसी असभ्य हरकतें करें.आमिर को अपने व्यवहार में सुधार तो लाना ही चाहिए हालाँकि वे ऐसा करें या ना करें हमारे इन हीरों पर उनकी गलत हरकतों का कोई असर पड़ने वाला नहीं है.शायद वे एक शायर की इन पंक्तियों पर ही अमल करते हैं:-
"तुम्हारे हर सितम पर मुस्कुराना हमको आता है,
लगाओ आग पानी में बुझाना हमको आता है."
4.1.11
एक-खबर पर इंसानियत बेखबर
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4 comments:
khbron mein rahne ke liye/ego shaant karne ke liye kya kya nahin karte ye kalakar.
aap ki baat se sahmat.
'सी.एम.ऑडियो क्विज़'
हर रविवार प्रातः 10 बजे
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (6/1/2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.uchcharan.com
bilkul sahi kah rahi hain aap.aamir khan ji ka yah karya sabhyata ki haden todta hai..
यह तो खानों का आपस का झगड़ा है
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