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9.3.11

चलकर देखे बहाँ

चलकर देखे बहाँ .......................

बादलों के पार हे कौन सा जहाँ ,
चलकर जरा देखें वहाँ ,
सपनों के हम पंख लगाकर,
बादलों की सबारी कर ,
चलकर जरा देखे बहाँ ,
बादलों के पार हे कौन सा जहाँ,
मिलते हे जहाँ धरती आसमान ,
बसा हे बहाँ कौन सा जहाँ,
चलकर जरा देखे बहाँ ,
लहराती हवा के साथ-साथ,
आ चले हम वही जहाँ,
मिलते हे जहाँ धरती आसमान,
चलकर जरा देखे बहाँ ,
क्या खुशियों का संसार हे बसा,
गम का नहीं जहाँ नाम-ओ-निशान,
चलकर जरा देखे बहाँ,
बादलों के पार हे कौन सा जहाँ
संगीता ‘शमा’

1 comment:

Dr Om Prakash Pandey said...

waisa koi jahan naheen shaayad !