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3.7.11

4 july, अमेरिका का स्वतंत्रता दिवस, काश हम भी आजाद हो पाते .. होंगे न ........!


अमेरिका का स्वतंत्रता दिवस ४ जुलाई उन्हें मुबारक हो , हम कब स्वतंत्र होंगे . congratulations to usa on 4th july, alas....when we will be independent !


  

greetings to america on 4 th july     


4th june is black day in india


अमेरिका को उनका ४ जुलाई मुबारक .  भारत ४ जून , काला  दिवस , 

उन्हें देख कर हमारा भी मन करता है , काश हम भी स्वतंत्र हो पाते.  


बचपन से अब तक सोचते ही रहे, खुश फहमी में रहे, हमें बताया गया कि हम आजाद हैं. 


पर वो झूठे थे, नादान थे, उन बिचारों को मालूम ही नहीं था कि आजादी हमसे और भी सदियों दूर सरक गई है . 


कम से कम अंग्रेज पहचाने तो जाते थे,  कम से कम वो अपने देश के प्रति तो वफादार थे. 


और ये दलाल तो पहचाने भी नहीं जाते, और अपनी भारत माता का ही बलात्कार कर रहे हैं.  


और इस बात पर आंदोलन, बहस  हो रही है कि इन्हें सजा मिले या ये कानून से ऊपर हैं . 


सजा तो मिलने से रही, पर ये मर्द सरकार , खुल्लम-खुल्ला कह रही है , हम कोशिश करेंगे कि प्रधान मंत्री , न्याबधीश , और भी बरे नेता व कर्मचारी , भारत माता के बलात्कार के लिए स्वतंत्र रहें. 


काश हम भी आजादी का जश्न मन पाते.  


हर महीने की ४ तारीख हमारे लिए काला  दिवस है . 


         

3 comments:

Shalini kaushik said...

aapki har bat sahi hai aur iske jimmedar ham bharatiy hain kyonki hamme se hi kuchh gaddar the jinke karan ham itne lambe samay taq gulam rahe aur hamare veeron ko shaheed hona pada aur aaj bhi ye ham hi hain jo desh hit ke samne apne hiton ko upar rakh rahe hain aur jo yogya v imandar hai unhe n chunkar galat logon ke hath me satta de rahe hain

शिखा कौशिक said...

I am independent .i proud of my nation .i salute my all great leaders.we have some problems but we are INDIAN .we never cheat any nation like USA .

https://worldisahome.blogspot.com said...

आदरणीय कौशिक जी एवं कौशिक जी,

आप मेरे विचारों से सहमत हों या असहमत , आपने पढ़आ व कोममेंट लिखने की जहमत की उसके लिए धन्यवाद.

मैं बहुत कुछ लिखता , मगर मेरी लिखने की स्पीड बहुत कम है , इसलिए थोरा लिख कर ही काम चलता हूं.

शिखा जी, मैं आपसे समझदार तो नहीं, मगर, दोनों देशों में रहने के बाद, स्वतंत्रता को परिभाषा में फर्क आ गया. यदि कभी दूरभाष पर समभाव हुआ तो बताऊंगा.

पुनः धन्यवाद
अशोक गुप्ता
दिल्ली