कल्याण की उत्तराधिकारी !
मैं उनकी पुत्री सदृश ;वे हैं पिता समान,
उनको लगता है बुरा ग़र हो मेरा अपमान ,
करती आई हूँ सदा मैं भी उनका सम्मान;
वारिस बन अब करूंगी सबका मैं कल्याण .
शिखा कौशिक
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
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1 comment:
vah bahut khoob.kam shabdon me itni badi vyakhya jaise gagar me sagar.
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