* निज़ाम चलाया कैसे जाय , यह किसी का मुद्दा है ही नहीं | सबकी हवस है कि निज़ाम पर कब्ज़ा किसका हो ? उसे हथियाया कैसे जाय ? #
* Govt. is nothing. Govt. means I. Govt. means we, the people . #
* It is the quality of the Public which decides the quality of it's Leadership . #
* I find, ordinariliness,simplicity is God . He could make our body and mind so typical and finely grained , because He did it very simply, rather in a playful manner . And Lo, God too ,is very simple to be known , if we could be so simple in our vision . #
* फ़िदा होने में
कहाँ देर लगेगी
तुम दिखो तो !
* पत्रकारिता
टिटहरी की टाँग
थामे आकाश !
* कुछ किया तो
संतोष तो हुआ ही
की कुछ किया ! #
* जो भी मोबाईल
चलाने लगो
वही , फिर
रास आने लगता है | #
* नाई हैं, मिल जाते हैं , तो हम भी दाढ़ी - बाल बनवा लेते हैं , वरना क्या करते ? वैसे ही रहते | #
* हम यह समझते हैं कि , चूँकि हाथ साफ़ करने के और उसे कीटाणुमुक्त बनाने के तमाम साधन उपलब्ध हैं , इसलिए किसी भी प्रकार की गंदगी को साफ़ करने के लिए अपना हाथ निर्भय होकर डाला जा सकता है | #
* अब अंग्रेज़ी बोलना कोई विशिष्टता का परिचायक नहीं रह गया है | #
* सुहागरात हो , प्रलय की रात हो , क्या बात है !
कुछ भी हो , तुम्हारा साथ हो ,क्या बात है ! --
* क्या ज़रूरी है कि हर एक मैं कविता भली करूँ ,
बुरा है वक्त तो कविता बुरी भी क्यों न करूँ ? ---
* मैं कहीं भी रहूँ , मेरी जगह है वाजिब ,
तुम्हारी गोद में हूँ , या तुम्हारे पाँवों में | --
* तू मुझमे , मैं अपने में हूँ ,
तू सच्चा मैं सपने में हूँ | ----
* कभी नरम , कभी गरम
बेहया कभी शरम
दर्द से बेदर्द हम
खुशी कोई , न कोई ग़म | #
* - ऊपर नेकरल Substitute for Super Natural . #
* आज ग्रोवर हत्याकाण्ड का फैसला आया | कितने तो झमेले औरतों को लेकर होते हैं ! आदमी मारते , मरते हैं ? ###
* कभी नरम , कभी गरम
बेहया कभी शरम
दर्द से बेदर्द हम
खुशी कोई , न कोई ग़म | #
* - ऊपर नेकरल Substitute for Super Natural . #
* आज ग्रोवर हत्याकाण्ड का फैसला आया | कितने तो झमेले औरतों को लेकर होते हैं ! आदमी मारते , मरते हैं ? ###
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