प्रिय भाडासी सदस्यों ,
मैंने आज ही अपने भड़ास सदस्य के महा बलिदान के बारे में पढ़ा: जिसने मेरे दिल को छू लिया , कैसी पीड़ा हैं उनके शब्दों में , हमें उनसे पूरी सहानुभूति है .
उन्होंने लिखा है :
एकपत्नीव्रत
कविता
* मैं एकपत्नीव्रत का समर्थक हूँ
मैं सदा एकपत्नीव्रत रहा ।
बीस वर्ष की उम्र में मेरा विवाह हुआ
२० से ३० तक मैं एकपत्नीव्रत रहा ,
फिर ३० से ४० तक मैं एकपत्नीव्रत रहा ,
और ४० से ५० तक एकपत्नीव्रत रहा ,
तथा ५० से ६० तक एकपत्नीव्रत।
अब ६० के बाद भी मैं
एकपत्नीव्रत का निर्वाह कर रहा हूँ ।
मैं सदा एकपत्नीव्रत रहा ।
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* मैं एकपत्नीव्रत का समर्थक हूँ
मैं सदा एकपत्नीव्रत रहा ।
बीस वर्ष की उम्र में मेरा विवाह हुआ
२० से ३० तक मैं एकपत्नीव्रत रहा ,
फिर ३० से ४० तक मैं एकपत्नीव्रत रहा ,
और ४० से ५० तक एकपत्नीव्रत रहा ,
तथा ५० से ६० तक एकपत्नीव्रत।
अब ६० के बाद भी मैं
एकपत्नीव्रत का निर्वाह कर रहा हूँ ।
मैं सदा एकपत्नीव्रत रहा ।
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मेरी टिपण्णी :
(क्या आप, उपरोक्त लेखक का उनके त्याग के लिए सार्वजनिक , एवं राष्ट्रीय सम्मान का अनुमोदन करते हैं : )
वाह क्या बात हैं , ये देश , समाज सदा आपका ऋणी रहेगा, इस त्याग , तपस्या और मन के नियंत्रण के लिए,
मुझे मालुम है ऐसा कर पाना किसी किसी साधारण पति के लिए कितना कठिन होता है .
काश इस देश का हर व्यक्ति आपके नक़्शे कदम पर चल कर इससे कुछ शिक्षा ले पाता .
कम से कम महावीर चक्र नहीं तो वीर चक्र के लिए तो हमें सरकार से अनुशंषा करनी चाहिए ,
ऐसे त्यागी आजकल कहाँ मिलते हैं, जो विकलांग, झगडालू , बदसूरत, बाँझ पत्नी के साथ भी एकपत्नीव्रत का पालन करें . मेरे विचार से इनके साथ तो एसी कोई वजह तो नहीं रही होगी, इस महात्याग कि . कोई विशेष वजह ही रही होगी. सुन्दर अनुकूल पत्नी के साथ तो कोई इतनी दर्द भरी कविता नहीं लिखेगा .
हम सब भड़ास परिवार के सदस्य आपका इस तपस्या के लिए सम्मान करते हैं .
काश में भी ऐसा कर पाता . और सब भडासी भी ऐसे कर पाते .
अशोक गुप्ता , दिल्ली
यदि आप मेरी टिपण्णी से सहमत या असहमत हैं तो कृपा लिखें .
कुछ और टिप्पणिय जो उन्हें मिली हैं : जिनसे इनके त्याग कि गरिमा के बारे में मुझे विचार आया .
jai ho ek patni vrat dharan karne vale in mahanubhav ki ?
हिंदी : जय हो, एक पत्नी व्रत धारण करने वाले इन महानुभाव कि .
भगवान इनकी पत्नी को भी लंबी आयु व् धैर्य प्रदान करे, ऐसे त्यागी पति की पत्नी होने पर.
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