अपनी डफली अपना राग
हमारे देश में गरीब मिटाया जा रहा है .योजना आयोग ने गरीबी रेखा में बदलाव
करते हुए कहा है कि अब शहर में 28 रुपए 65 पैसे प्रतिदिन और गांवों में 22रुपये42पैसे
खर्च करने वाले को गरीब नहीं कहा जा सकता.योजना आयोग ने सोमवार को जो आंकड़ें
जारी किए थे उसके अनुसार साल 2009-2010 के गरीबी आंकड़े कहते हैं कि पिछले पांच
साल के दौरान देश में गरीबी 37.2 फीसदी से घटकर 29.8 फीसदी पर आ गई है.
भारत में प्रतिव्यक्ति आय २०१०-११ में ५४८३५/- के करीब हो गयी है और २०११-१२ में बढ़कर
६०९७३/-हो जायेगी .
हमारे देश में गरीब मिटाया जा रहा है .योजना आयोग ने गरीबी रेखा में बदलाव
करते हुए कहा है कि अब शहर में 28 रुपए 65 पैसे प्रतिदिन और गांवों में 22रुपये42पैसे
खर्च करने वाले को गरीब नहीं कहा जा सकता.योजना आयोग ने सोमवार को जो आंकड़ें
जारी किए थे उसके अनुसार साल 2009-2010 के गरीबी आंकड़े कहते हैं कि पिछले पांच
साल के दौरान देश में गरीबी 37.2 फीसदी से घटकर 29.8 फीसदी पर आ गई है.
६०९७३/-हो जायेगी .
(Per capita income is calculated by evenly dividing the national income among the country's population.)
विश्व बैंक के अनुसार -----
Indian official estimates of the extent of poverty have been subject to
debate, with concerns being raised about the methodology for the
determination of the poverty line.[139][140] As of 2005, according to
World Bank statistics, 75.6% of the population lived on less than $2
a day (PPP), while 27.5% of the population was living below the new
However, data released in 2009 by the Government of India estimated
that 37% of the population lived below the poverty line.[144] The indian
economy continues to face the problem of an underground economy
with a 2006 estimate by the Swiss Banking Association suggesting that
India topped the worldwide list for black money with almost $1,456 billion
प्रतिव्यक्ति कर्ज का भार --
India's external debt increased by $36.9 billion to $261.4 billion by end-March 2010. This works out to 18.9% of the nation's GDP.
The Reserve Bank of India says that India is Asia's fifth most indebted nation.
The Reserve Bank of India says that India is Asia's fifth most indebted nation.
वित्त मंत्री के अनुसार २लाख रूपये सालाना कमाने वाला आदमी आयकर देने के घेरे में नहीं है
और आयकर उससे ही नहीं लिया जाता जो गरीब है
नए टैक्स स्लैब के बिंदु-
* दो लाख रुपए सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं।
* दो लाख रुपए से ज्यादा से पांच लाख तक टैक्स 10 प्रतिशत।
* पांच लाख से ज्यादा सालाना आय से लेकर आठ लाख रुपए तक टैक्स 20प्रतिशत।
* दस लाख से ज्यादा सालाना आय पर टैक्स 30 प्रतिशत।
* दो लाख रुपए सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं।
* दो लाख रुपए से ज्यादा से पांच लाख तक टैक्स 10 प्रतिशत।
* पांच लाख से ज्यादा सालाना आय से लेकर आठ लाख रुपए तक टैक्स 20प्रतिशत।
* दस लाख से ज्यादा सालाना आय पर टैक्स 30 प्रतिशत।
अब आप ही बताईये की योजना आयोग झूठा है या देश की सरकार भ्रमित कर रही है
देश के नेता बरगला रहे हैं या भूखा नंगा गरीब इस दुनिया से मिटता जा रहा है ,पल पल
मौत के आगोश में समा रहा है.
देश के नेता बरगला रहे हैं या भूखा नंगा गरीब इस दुनिया से मिटता जा रहा है ,पल पल
मौत के आगोश में समा रहा है.
No comments:
Post a Comment