Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

2.3.12

चरवाहे !

चरवाहे!


जिन कुत्तों को पाले थे


करने भेड़ों की रखवाली ;


भक्षण करते भेड़ों का


चल रहे चाल वे मतवाली ।


जन-गन-मन अधिनायक हे ,


चरवाहे!


जहाँ कहीं भी हो


अब आगे आओ ;


उजड़ रहा यह चारागाह


बचाओ


आज बचाने


अगर नहीं आओगे ,


कहीं जंग होगी


मुंह की खाओगे ।


इसी लिए कहता हूँ


हे ! हा ! हा! हे! आ हे!


चरवाहे !


आकर अपना चारागाह बचा हे !


भ्रष्टाचार भगा हे ,


बूढ़े चरवाहे !

No comments: