[ कविता ]
प्रश्न करके ही
क्या पा जायँगे बच्चे
जब हम उनको
कुछ बताएँगे ही नहीं ,
उन्हें अपने अलावा
और किसी का उत्तर
स्वीकार नहीं |
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
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