Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

24.3.20

कोरोना वायरस ‘परिवार’ का नया सदस्य है कोविड-19


संजय सक्सेना, लखनऊ
कोरोना वायरस का खतरा पूरी दुनिया पर हावी है। हजारों लोगों की जीवन लीला यह वायरस निगल चुका है। दुनिया के तमाम मुल्कों के वैज्ञानिक कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने/तलाशने में लगे हैं, लेकिन इससे इत्तर सोशल मीडिया का कुछ और ही कहना है।

सोशल मीडिया की बातों पर विश्वास किया जाए तो कोरोना वायरस का अस्तित्व आज का नहीं पुराना है। सोशल प्लेटफार्म पर चर्चा इस बात की छिड़ी हुई है कि  दुनिया कोरोना वायरस की दवा ना जाने कहां-कहां ढूंढ रही हैं, लेकिन कोरोना वायरस की दवा और इलाज तो इंटरमीडिएट की जन्तु विज्ञान की किताब में काफी पहले सूझा दिया गया था, उक्त पुस्तिका में जिस वैज्ञानिक ने इस बीमारी के बारे में लिखा है उसने ही इसके इलाज के बारे में भी लिखा है।

संभवता कभी-कभी ऐसा होता है कि डॉक्टर और वैज्ञानिक बड़ी-बड़ी किताबों के चक्कर में छोटे लेवल की किताबों पर ध्यान नहीं देते,  कोरोना के मामले में भी  ऐसा ही होता देखा जा रहा है। हम अपनी बात प्रमाणित करने के लिए आधुनिक जीव विज्ञान की पुस्तिका, जिसके लेखक डॉ रमेश गुप्ता हैं के उस पृष्ठ (पेज नंबर 1072) को भी इस खबर के साथ संकलित कर रहे हैं जो कोरोना के कई रहस्य से पर्दा हटा सकती है।

पुस्तिका में बताया गया (हम इस बात की पुष्टि नहीं करते हैं) है कि साधारण जुकाम अलग-अलग तरह के वायरस के जरिए होता है, जिसमें 75 फीसद राइनोवायरस और बाकी में कोरोना वायरस जिम्मेदार होता है। यह रोग मौसम में बदलाव की वजह से होता है। इस रोग का संक्रमण छींकने से हवा में मौजूद बिन्दूकणों द्वारा होता है। इसके अलावा जब कोई संक्रमित शख्स दरवाजों के हैंडिल, घुडियो आदि को छूता है तो वायरस कण वहां पर लग जाते हैं और वहां से स्वस्थ इंसान में संक्रमण हो जाता है। इस रोग के उपचार हेतु एस्पिरिन, एंटी हिस्टेमीन और नेजल स्प्रे लाभप्रद है।

यह है सच्चाई

यह बात सही है कि कोरोना वायरस नई बीमारी नहीं है, लेकिन अभी जो बीमारी महामारी बनकर फैल रही है, वह कोरोना परिवार के नए वायरस ‘नोवल कोरोना वायरस’ यानि ब्व्टप्क्-19 है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की आधिकारिक वेबसाइट पर कोरोना वायरस के बारे में बताया गया है कि कोरोना वायरस, वायरस का एक बड़ा परिवार है जो जानवरों या मनुष्यों को बीमार कर सकता है। कई कोरोना वायरस मनुष्यों में सामान्य सर्दी से लेकर गंभीर बीमारियांरेस्पीरेटरी इंफेक्शन पैदा कर सकता है। हाल ही में खोजे गए नए कोरोना वायरस से जो बीमारी होती है, उसे कोरोना वायरस डिजीज कोविड19 दिया गया है। इसलिए किताब में कोरोना वायरस का जो इलाज बताया गया है, उससे अभी के कोरोना वायरस यानि कोविड19 का इलाज हो पाएगा, यह कहा नहीं जा सकता है। बता दें कि WHO ने अपनी वेबसाइट पर बताया है कि कोविड 19 के संक्रमण का अभी तक कोई इलाज नहीं है क्योंकि अब तक इसकी कोई वैक्सीन या दवा नहीं बनी है।

No comments: