कोरोना वायरस की दहशत के बीच पत्रिका में कर्मचारियों से जबर्दस्ती कार्य करवाया जा रहा है। कोई कर्मचारी अगर घर से कार्य करने के लिए कहता है तो उसे ऐसा काम बताया जा रहा है, जो वह घर से कर ही नहीं सकता। उसे ऑफिस आने पर मजबूर किया जा रहा है। इसके साथ ही ५० साल से ज्यादा उम्र के कर्मचारियों को ऑफिस बुलवाया जा रहा है।
ये जानते हुए कि उन्हें वायरस का खतरा ज्यादा है। अगर कोई कर्मचारी अपनी मजबूरी बताता है तो उसे वेतन काटने की धमकी तक दी जा रही है। ऐसा तब किया जा रहा है अखबार के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी पीएम नरेंद्र मोदी से वार्तालाप करने के बाद गदगद हैं और अपने अखबार के साथ ही टीवी और सोशल मीडिया पर इस वार्तालाप को खूब भुना रहे हैं।
इसमें उन्होंने मोदी को भी ज्ञान दिया है, लेकिन उनके ही अखबार में कुछ अधिकारी अपनी वाहवाही करवाने के लिए इसकी धज्ज्यिां उड़ा रहे हैं। भले ही इसमें किसी कर्मचारी की जान चली जाए।
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
ये जानते हुए कि उन्हें वायरस का खतरा ज्यादा है। अगर कोई कर्मचारी अपनी मजबूरी बताता है तो उसे वेतन काटने की धमकी तक दी जा रही है। ऐसा तब किया जा रहा है अखबार के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी पीएम नरेंद्र मोदी से वार्तालाप करने के बाद गदगद हैं और अपने अखबार के साथ ही टीवी और सोशल मीडिया पर इस वार्तालाप को खूब भुना रहे हैं।
इसमें उन्होंने मोदी को भी ज्ञान दिया है, लेकिन उनके ही अखबार में कुछ अधिकारी अपनी वाहवाही करवाने के लिए इसकी धज्ज्यिां उड़ा रहे हैं। भले ही इसमें किसी कर्मचारी की जान चली जाए।
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
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