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27.3.20

शहर अंजान हो गया ..

पेश है कोरोना के  खौफ पर खांटी  खड़गपुरिया की  खास पेशकश ....
शहर अंजान हो गया ....
तारकेश कुमार ओझा
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कोरोना के  कहर में  , अपना ही शहर अंजान हो गया
सुनसान हुए चौक - चौराहे
बाजार वीरान हो गया ,
तिनके - तिनके से जहां थी दोस्ती ,
पहचान ही गुमनाम हो गया ,
लापता हो गई यारी - दोस्ती ,
मुल्तवी हर काम हो गया ,
एक अंजाने  - अनचिन्हे डर के आगे ,
बेबस - बेचारा विज्ञान हो गया

लेखक पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहते हैं और वरिष्ट पत्रकार हैं। संपर्कः 9434453934, 9635221463

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