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3.11.20

अपनी बर्बाद का खुद ही स्वागत करता भारतीय मुस्लिम समुदाय

 
भारतीय मुस्लिम समुदाय की त्रासदी... भारतीय मुस्लिम समुदाय ने अपनी पिछले करीब 30- 40 वर्षों की भयंकर गलती से भी सबक नहीं सीखा है, और वह गलती है- मुस्लिम  बच्चों को स्कूल - कॉलेज से दूर रखना।


आज भले ही मुस्लिम समुदाय यह कह कर अपने गाल बजा ले कि अब तो हमारे बच्चे खूब पढ़ रहे हैं लेकिन बाहरवी कक्षा और कॉलेज लेवल पर मुस्लिम समुदाय के बच्चों की तादाद बहुत कम है।

आज तकरीबन हर मुस्लिम घर में टू व्हीलर, स्मार्ट फोन, कलर टीवी है लेकिन पढ़ाई का जज़्बा नदारद है। अपनी हर बात में गरीबी का रोना रोने वाले मुस्लिम समुदाय में शादियां तो बड़ी शानो- शौकत से की जा रही हैं लेकिन शिक्षा के लिए पैसे नहीं हैं।

अपनी बदहाली के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों को ज़िम्मेदार ठहराने वाले मुस्लिम समुदाय को नेताओं की चम्मचगिरी में भी खूब लुत्फ आता है।

तो कुल मिलाकर बात इतनी सी है कि मुस्लिम समुदाय अपने दोहरे चरित्र की दुधारी तलवार पर चल कर खुद को ही हलकान कर रहा है। सारी दुनिया को सोशल मीडिया पर ज्ञान बांटने वाले मुस्लिम नोजवानों ने अपने गली- मोहल्ले के बदतर हालातों से दोस्ती कर रखी है।

भारतीय मुस्लिम समुदाय को भाजपा, आरएसएस, बजरंग दल, शिवसेना, फ्रांस, चीन आदि दलों- संघटनों व देशों से किसी तरह का कोई खतरा नहीं है बल्कि खतरा उस मुस्लिम बुद्धिजीवी और मुस्लिम अधिकारी वर्ग से है, जिसको मुस्लिम मोहल्लों में जाने में बदबू और शर्म आती है। भारतीय मुस्लिम समुदाय ने निश्चित रूप से इमामों- मौलवियों की जेबों में अपनी सोच- समझ को गिरवी रख दिया है और मुल्लावर्ग की गुलामी में अपने आप को बर्बाद करके भी भारतीय मुस्लिम समुदाय बेहद खुशी के साथ जन्नत का तलबगार बना हुआ है।

मुल्ला मौलवी वर्ग की जहालत और शातिरपने की सोच ने भारतीय मुस्लिम समुदाय को यकीनन दिमागी रूप से बीमार और लड़ाकू बना दिया है और इस फितरत के फलस्वरूप सभी तरह के दुष्प्रभाव आ भी रहे हैं और आने वाले वक़्त में यह दुष्प्रभाव बढ़ता ही जाएगा।
     
शर्मनाक बेहद शर्मनाक

- अब्दुल हमीद
अध्यक्ष - हमारी आवाज़ सुनो - 9214388961
( यह एक गैर-राजनीतिक संगठन है )
 जयपुर
hamariawaazsuno1@gmail.com

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