आपने अभी तक केवल किताबों में ही जादूई तालाब के बारे में पढ़ा होगा लेकिन अब आप पुवायां में भी इस तरह का तालाब देख सकते हैं जिनमें भरा हुआ पानी एक लाल रंग की पाइप लाइन के माध्यम से लाया जाता है।
इस लाल रंग वाली लाइन को फैक्ट्री में स्थित E.T.P के पास से होकर निकाला गया है जिससे फैक्ट्री का समस्त गंदा पानी जल शुद्धिकरण प्रक्रिया में न लेकर इसी लाइन में एक पम्प के माध्यम से इस रहस्यमई तालाब तक पहुंचा दिया जाता है जिससे फैक्ट्री में जल शुद्धिकरण प्रक्रिया में खर्च होने वाला लाखों रुपए हर माह आसानी से बचा लिया जाता है और किसी को कोई शक भी नहीं होता है क्योंकि इस बंद पाइप लाइन के अंदर क्या चल रहा है आमजन के लिए यह अनुमान लगाना काफी मुश्किल होगा परन्तु फैक्ट्री प्रबंधन को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि चोर चाहें जितना भी चालाक क्यों न हो एक न एक दिन सच्चाई सबके सामने आ ही जाती है।
जिस हाइड्रेट पाइप लाइन को फैक्ट्री में आगजनी की सुरक्षा को ध्यान में रखकर बिछाया गया है उसी लाइन में फैक्ट्री का अशुद्ध जल बाईपास होकर प्रदूषित ताल तक पहुंच रहा है। ताल में पहुंचने वाला अशुद्ध जल सभी तरह के जीव-जंतुओ के जीवन के लिए पहले से ही खतरा बना हुआ है इसके बावजूद इसी हाइड्रेट पाइप लाइन में बायलर की प्रदुषित राख भी घुलित अवस्था में इस ताल तक पहुंचाई जा रही है इस प्रकार से इस रहस्यमई जादुई तालाब के रहस्यों में लगातार वृद्धि होती जा रही है और पर्यावरण प्रदूषण के समस्त मानकों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
फैक्ट्री प्रबंधन का यह अमानवीय कृत्य सम्बंधित प्रदूषण जांच अधिकारियों के साथ मिलीभगत की ओर इशारा करता है जिसके कारण जांच करने वाले अधिकारी निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई करने में असफल साबित हो रहें हैं। अब देखना यह है कि आखिर कब तक इस ताल के पास से गुजरने वाले जीवों पर जीवन का खतरा मंडराता रहेगा अथवा कोई युधिष्ठिर बनकर इस तालाब के सभी रहस्यों से पर्दा उठाकर इसे प्रदूषण मुक्त करायेगा।
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