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1.10.10

एक पसंदीदा गजल ...

एक पसंदीदा गजल ...


खूबसूरत से इरादों की बात करता है
वो पतझडों में गुलाबों की बात करता है

एक ऐसे दौर में जब नींद बहुत मुश्किल है
अजीब शख्स है ख्वाबों की बात करता है

उछाल करके कुछ मासूम से सवालों को
वो पत्थरों से जबाबों की बात करता है

वो चाहता है अंगूठे बचे रहें सबके
वो कापियों की किताबों की बात करता है

एक चिंगारी छिपाए है अपने सीने में
वो बार -बार मशालों की बात करता है .

रचना -डॉ वशिष्ठ अनूप .प्रस्तुति धीरेन्द्र प्रताप सिंह देहरादून

1 comment:

निर्मला कपिला said...

हर एक शेर लाजवाब। कोट इस लिये नही कर रही कोई एक शेर कि सभी कमाल के हैं। बहुत बहुत धन्यवाद इसे पढाने के लिये।