यह सप्ताह कुछ उपलब्धियां कुछ विश्वास लेकर आया ।३अक्टूबर को शाहाबाद हरदोई में प्रथम क्षेत्रपाल मिश्र क्षणिक सम्मान लेते हुए सर्वाधिक प्रसन्नता इस बात की थी कि लोगो ने,समाज ने शायद मुझे मेरे तेवरों के साथ स्वीकार करना शुरू कर दिया है।
४अक्टूबर को लखनऊ में भाऊराव देवरस न्यास का प्रतिष्ठित पं० प्रतापनारायण मिश्र स्मृति सम्मान २०११ (कविता विधा-बिस्मिल चरित के लिऐ लेते हुए यह भाव मज़बूत हुआ कि क्रांतिकारी विचारों को दबाया जा सकया है पर नष्ट नहीं किया जा सकता है।
४अक्टूबर को लखनऊ में भाऊराव देवरस न्यास का प्रतिष्ठित पं० प्रतापनारायण मिश्र स्मृति सम्मान २०११ (कविता विधा-बिस्मिल चरित के लिऐ लेते हुए यह भाव मज़बूत हुआ कि क्रांतिकारी विचारों को दबाया जा सकया है पर नष्ट नहीं किया जा सकता है।
1 comment:
tumko tumhare tevaro ke sath har imandar ne hamesha hi accept kiya hai abi se nahi salon pahale se
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