अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
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22.10.11
है अगर रिश्ता हमारा सूर्य के परिवार से
दो कदम आगे बढ़ें और घर भरें उजियार से
दीप उम्मीदों के जलाएं,रोशनी हरसू करें
कब तलक डरते रहेंगे हम घने अंधियार से
कुंवर प्रीतम
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