अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
चोरी की रपट / काका हाथरसी - Kavita Kosh
Post a Comment
Bhadas4media
Enter your email address:
Delivered by FeedBurner
No comments:
Post a Comment