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20.10.11

दीपावली : सजी दुकानें, उमडी भीड़

शंकर जालान



कोलकाता। प्रकाश पर्व दीपावली में अब सप्ताह से भी कम का समय रह गया है। बुधवार को भारी संख्या में लोग दीपावली की खरादारी करते देखे गए। दीपावली के मद्देनजर जहां प्रकाश पर्व से संबंधित सामग्री से दुकानें सजी व भरी पड़ी हैं। वहीं, ग्राहक भी अपनी हैसियत और पसंद के मुताबिक खरीदारी कर रहे हैं।
महानगर समेत आसपास के इलाकों में स्थित बाजारों भी दीपावली की खरीदारी के लिए ग्राहकों की भीड़ देखी जा रही है। नामी-गिरामी मार्केट, बड़े शॉपिंग मॉलों के अलावा फुटपाथ पर लगी दुकानों से लोग आभूषण, श्रृंगार सामग्री, बर्तन, फर्नीचर, बिजली के उपकरण, घड़ी, कपड़े, जूते-चप्पल, सजावटी सामग्री, दीपक, मोमबत्ती आदि चीजें खरीद रहे हैं।
दीपावली के मौके पर कई दुकानदारों ने ग्राहकों के लिए छूट या उपहार की व्यवस्था की। जहां आभूषण दुकानों में मेकिंग में रियायत दी जा रही है। वहीं ब्रांडेड कंपनी के कपड़ों में दो खरीदने में एक फ्री दिया जा रहा है। ठीक इसी तरह जूते-चप्पल की खरीदारी पर छूट के लिए श्रेणी तय की गई है। कहीं पांच सौ से एक हजार की खरीदारी पर दस फीसद की छूट दी जा रही है तो कहीं 15 से 20 फीसद की।
दीपावली का बाजार कैसा है? रोजाना कितने की बिक्री हो रही है? क्या आपकी इच्छा के मुताबिक माल बिक रहा है? इन सवालों के जवाब में दुकानदारों ने कहा कि इस बार दीपावली का वैसा बाजार नहीं है जैसा दो-चार साल पहले हुआ करता था। जहां तक बिक्री का सवाल है आम दिनों की तुलना में अवश्य कुछ अधिक हो रही है और हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले तीन-चार दिनों में बिक्री में इजाफा होगा। दुकानदारों का कहना है कि इस दीपावली में इच्छा के मुताबिक बिक्री नहीं हो रही है। दीपावली के लिए जितना माल स्टॉक किया था, अब तक की बिक्री को देखते हुए ऐसा लगता है कि काफी माल बच जाएगा।
ऐसा क्यों हो रहा है? बिक्री कम क्यों हो रही है? इसके जवाब में सत्यनारायण पार्क एसी मार्केट के एक दुकानदार ने बताया कि मुझे लगता है महंगाई के कारण लोग तंग हाथों से खर्च कर रहे हैं। पहले लोग बच्चों के कई जोड़ी कपड़े खरीदते के साथ-साथ अपने लिए भी खरीदारी करते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। लोग अपने लिए तो जेब हल्की नहीं कर रहे हैं और बच्चों के लिए भी एक जोड़ी ही खरीद रहे हैं।
वहीं, जवाहरलाल नेहरू रोड स्थित एक जूते-चप्पल की दुकान के एक अधिकारी ने बताया कि इस बार जूते-चप्पल की बिक्री मंदी है। उन्होंने बताया कि जो ग्राहक जूता खरीदने आता था जूते खरीदने के साथ-साथ अगर चप्पल पसंद आ गई तो खरीद लेता था। ठीक इसी तरह बेल्ट या पर्स पसंद आने पर ले लेता था। पर इस साल ऐसा नहीं है। खरीदारी के बाद अगर हम ग्राहक अन्य समान दिखाने को कहते हैं तो वे साफ मना कर देते हैं।
मछुआ बाजार के पास विभिन्न आकार और डिजाइन के दीपक समेत मिट््टी से बनी पूजन की अन्य सामान बेच रही एक महिला ने बताया कि महंगाई के मद्देनदर लोग रंगीन डिजाइन वाले दीपक खरीदने से कतरा रहे हैं। साधारण दीपक भी जो लोग पहले सैकड़ों की संख्या में खरीदते थे और दर्जन के हिसाब से ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि बाजारों में दीपावली के ग्राहकों की भीड़ तो है, लेकिन उस अनुपात में बिक्री नहीं हो रही है, जो होनी चाहिए।
नूतन बाजार के समीप अस्थाई दुकान लगाकर विभिन्न प्रकार की मोमबत्ती बेच रहे हैं एक व्यक्ति ने बताया कि बताया कि बीते छह दिन से दुकान लगा रहा हूं और दीपावली में छह दिन बाकी है, लेकिन वह बिक्री नहीं हो रही है, जिस उम्मीद से दुकान लगाया था। उन्होंने बताया कि थोक बाजार से करीब 35 हजार रुपए की मोमबत्ती खरीदकर लाया हूं और उम्मीद थी कि 42 से 45 हजार में बेचूंगा, लेकिन अभी तक 35 सौ का माल भी नहीं बिका है। लगता है कम मुनाफे में मोमबत्ती बेचनी पड़ेगी।

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