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28.10.11

श्रीलाल शुक्ल का निधन

रागदरबारी के अमर रचनाकार cका निधन हिंदी कथा साहित्य की अपूरणीय क्षति है।  व्यवस्था में नीचे से लेकर ऊपर तक व्याप्त भ्रष्टाचार और पाखंड को अपनी विशिष्ट शैली में उज़ागर करने वाले श्रीलाल शुक्ल को 'रागदरबारी' तथा 'विश्रामपुर का संत ' जैसी अमर कृतियों के लिए हमेशा याद किया जायेगा।
अरविंद पथिक

2 comments:

Dr Om Prakash Pandey said...

srilaal shukla hindi ke vilakshan upanyaasakaar the .

Dr.R.Ramkumar said...

very short , very sweet